भारतीय संस्कृति का रहा गौरवपूर्ण इतिहास
लोहरदगा : शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर में गुरुवार को भारतीय संस्कृति का संरक्षण, संवर्द्धन
लोहरदगा : शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर में गुरुवार को भारतीय संस्कृति का संरक्षण, संवर्द्धन एवं विकास विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि डा. ¨वद्धेश्वर पांडे ने दीप जलाकर किया। मौके पर विद्यालय के बच्चों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। मौके पर डा. पांडे ने कहा कि भारतीय संस्कृति का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है, हमें भारतीय संस्कृति को बचाने और उसे और विस्तार देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संस्कृति का तात्पर्य व्यक्ति के अंदर निहीत रचनात्मक एवं मानव कल्याण की भावना है। संस्कृति मानव को शालिन, विनम्र और परोपकारी बनाती है। भारतीय परंपरा इसी मानव कल्याणी संस्कृति का पोषण करती है। यह भारतीय संस्कृति विश्व के सभी व्यक्तियों को निर्देशित करने में सक्षम है। ऐसे बहुआयामी भारतीय संस्कृति का विकास अत्यंत प्रासंगिक है। आज के बदले हुए समय से संस्कृति में विकृति आ गई है। यह विकृति द्वापरयुग में भी आई थी, आज भी जब संस्कृति में विकार आएगी तो सभी संस्कृति प्रेमियों को एकजुट होकर अपने भारतीय संस्कृति को बचाने का प्रयास करना होगा। मौके पर कृष्णा प्रसाद, अमरकांत शुक्ला, विष्णुदत्त पांडे के अलावे विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं व विद्यार्थी मौजूद थे।