सपनों से नाता तोड़ घर लौटे मजदूर
लोहरदगा में विशेष ट्रेन पहुंची
जागरण संवाददाता, लोहरदगा : परदेस में सपनों को अधूरा छोड़ कर मजदूर अपने घर लौट आए। रोजगार की तलाश में परदेस गए मजदूर लॉकडाउन की वजह से काम बंद होने से परेशान हो गए थे। ऐसे में मजदूरों को घर लौटने की परेशानी थी। सरकार की कोशिशों के बाद लोहरदगा रेलवे स्टेशन में कुल 858 श्रमिक पहुंचे। जिन्हें सक्रीनिग के बाद बसों से उनके घर भेजा गया। गोवा के मडगांव रेलवे स्टेशन से कुल 858 श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन लोहरदगा स्टेशन पहुंची। श्रमिक स्पेशल इस ट्रेन में लोहरदगा जिले के 11, खूंटी जिले के 121, सिमडेगा जिले के 315, रांची जिले के 48 और गुमला जिले के 363 श्रमिक शामिल थे। लोहरदगा को छोड़कर अन्य जिलों से आए प्रवासी श्रमिकों को भोजन का पैकेट व पानी उपलब्ध करा कर उनके लिए चिन्हित वाहनों से उनके गृह जिले के लिए रवाना किया गया। वही लोहरदगा जिले के विभिन्न प्रखंडों के निवासियों को होम क्वारंटाइन के लिए उनके प्रखंड मुख्यालय भेजा गया। लोहरदगा रेलवे स्टेशन पर जिला प्रशासन द्वारा श्रमिकों के लिए भोजन-नाश्ते व पानी की व्यवस्था स्टेशन के निकास द्वार पर की गई थी। थर्मल गन से हुई स्क्रीनिग
लोहरदगा : ट्रेन से उतरे सभी प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच रेलवे स्टेशन पर थर्मल गन द्वारा की गई। सदर अस्पताल लोहरदगा के चिकित्सीय टीम द्वारा जांच की गई। थर्मल स्क्रीनिग के लिए प्लेटफार्म संख्या एक में तीन मेडिकल स्क्रीनिग काउंटर बनाए गए थे। वहीं यात्रियों को स्टेशन से बाहर जाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा दो निकास द्वार चिन्हित किए गए थे। प्लेटफार्म पर यात्रियों के उतरने से लेकर बसों में चढ़ने तक के रास्ते में दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए थे। मौके पर डीआरडीए निदेशक अखौरी शशांक सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार, डीटीओ अमित बेसरा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पलटु महतो, कार्यपालक अभियंता सुशील टुडू, नियोजन पदाधिकारी संदीप किस्पोट्टा, श्रम अधीक्षक धीरेंद्र महतो, सभी अंचलाधिकारी, स्टेशन मास्टर रॉबर्ट एक्का, स्टेशन पर उद्घोषक के रूप में शिक्षक अरूण राम, गणेश लाल व अन्य मौजूद थे।