Move to Jagran APP

Lok Sabha Polls 2019: तब शत्रुघ्न सिन्हा और हेलीकॉप्टर भी नहीं टाल सके थे भाजपा की हार

Lok Sabha Polls 2019. चुनाव एक ऐसा दंगल है जहां कब कौन किसे पटखनी दे जाए यह कोई नहीं जानता। जिसका दांव सही पड़ा वह विजेता बन जाता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 12:16 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 12:16 PM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: तब शत्रुघ्न सिन्हा और हेलीकॉप्टर भी नहीं टाल सके थे भाजपा की हार
Lok Sabha Polls 2019: तब शत्रुघ्न सिन्हा और हेलीकॉप्टर भी नहीं टाल सके थे भाजपा की हार

लोहरदगा, [राकेश कुमार सिन्हा]। चुनाव एक ऐसा दंगल है, जहां कब कौन किसे पटखनी दे जाए, यह कोई नहीं जानता। जिसका दांव सही पड़ा, वह विजेता बन जाता है। लोहरदगा में वर्ष 2004 का लोकसभा चुनाव कुछ इसी गणित की वजह से यादगार बन गया। इस लोकसभा चुनाव में प्रोफेसर दुखा भगत भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लगातार दूसरी बार चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे थे।

loksabha election banner

इससे पहले वर्ष 1999 में प्रो. दुखा भगत ने कांग्रेस के इंद्रनाथ भगत को हराकर लोहरदगा लोकसभा सीट जीती थी। प्रो. दुखा भगत को दोबारा चुनाव में उतारकर भारतीय जनता पार्टी ने जीत की उम्मीद की थी। बावजूद प्रो. दुखा भगत को हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने भाजपा को करारा झटका दिया था। वर्ष 2004 के इस चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे डॉ. रामेश्वर उरांव को कुल 223920 वोट मिले थे।

जबकि प्रो. दुखा भगत को 133665 वोट से संतोष करना पड़ा था। प्रो. दुखा भगत काफी बड़े अंतर 90255 वोट से चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में सबसे बड़ी बात यह थी कि प्रो. दुखा भगत की जीत सुनिश्चित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तब के स्टार प्रचारक फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को चुनाव प्रचार के लिए लोहरदगा भेजा था। शहर के राजा बंगला में चुनावी सभा का आयोजन किया गया था।

चुनावी सभा के लिए बनाए गए मंच के बगल में ही हेलीपैड का भी निर्माण किया गया था। भाजपा नेताओं को उम्मीद थी कि आम लोग शत्रुघ्न सिन्हा के साथ-साथ हेलीकॉप्टर को देखने चुनावी सभा में जरूर आएंगे। तब के चुनाव प्रचार में हेलीकॉप्टर का उपयोग काफी कम हुआ करता था। लेकिन यहां उम्मीद के विपरीत काफी कम भीड़ पहुंची थी। शत्रुघ्न सिन्हा ने दुखा भगत के लिए चुनाव प्रचार किया था।

लेकिन दुखा भगत को हार का सामना करना पड़ा था। इसकी एक वजह यह भी थी कि तब प्रो. दुखा भगत के खिलाफ मतदाताओं में नाराजगी थी। उस समय एक दैनिक अखबार में एक छोटा सा लेख छपा था। उसमें लिखा था कि दुखा भगत गायब हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता आज भी उस चुनाव प्रचार और दुखा भगत की हार पर मन मसोस कर रह जाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.