खुद के लिए नहीं, दूसरों के लिए कर रहे हैं दुआ
लोहरदगा में बच्चों ने रखा रोजा मांग रहे दुआएं
संवाद सूत्र, कैरो (लोहरदगा) : रमजान के महीनें में मुस्लिम धर्मावलंबी अल्लाह की इबादत करने में जुटे हुए हैं। इसमें बच्चे भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मुस्लिम समाज के लोग लॉकडाउन का पालन करते हुए रोजा रखकर अपने घरों में नमाज अदा कर हैं। बड़े-बुजुर्ग के अलावे छोटे-छोटे बच्चे भी रोजा रखकर अल्लाह की इबादत कर रहे हैं कि कोरोना वायरस से शीघ्र हमारे देश को मुक्ति मिले। ताकि हम बच्चे खुलकर अपना जीवन जी सकें। नन्हें रोजेदार खुद के लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए दुआ कर रहे हैं।
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अल्लाह से हम फरियाद करते हैं कि कोरोना जैसे महामारी से शीघ्र निजात मिले। रोजा रखकर हम दिन रात अल्लाह से इबादत कर रहे हैं कि हम फिर से पहले की तरह खुली हवा में अमन-चैन से रह सकें। अगर सच्चे मन से अल्लाह को याद किया जाय तो सारे दु:ख दूर हो जाते हैं।
गौसिया प्रवीन, रोजेदार
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रमजान का पाक महीना में हम सब के लिए जन्नत का दरवाजा खोल दिया जाता है। अगर कोई भी काम सच्चे मन से किया जाय तो वह विफल नहीं जाता है। इसलिए हम बच्चे रोजा रखकर अल्लाह से इबादत कर हैं कि हमारे देश से महामारी जल्द खत्म हो जाए। ताकि सभी लोग हंसी-खुशी रहें। यही अल्लाह से दुआ करते हैं।
मोहमदी खातून, रोजेदार
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कोरोना वायरस जल्द से जल्द हमारे देश से चला जाय। रोजा रखकर हम अल्लाह से दिन-रात यही इबादत करते हैं। रोजा रखकर अल्लाह को याद करना बहुत ही नेक काम है। मुस्लिम धर्मावलम्बीयों को साल में रमजान के एक महीने अवश्य रोजा रखना चाहिए। ताकि अल्लाह हमारे गुनाहों को माफ कर सके।
सुमुन नाज, रोजेदार
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रोजा रखकर इबादत करने से अल्लाह हर गुनाह को माफ कर देते हैं। रोजा रखकर हम सभी बच्चे अल्लाह से दुआ मांग रहे हैं कि कोरोना महामारी से जल्द हमें छुटकारा मिल जाए। सभी बच्चों को रोजा रखकर अल्लाह का इबादत करना चाहिए। ताकि हम हंसी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर सकें।
सैयदा खातून, रोजेदार