रामकथा में मनाया गया राम विवाह उत्सव
लोहरदगा : विश्व ¨हदू परिषद के तत्वावधान में अग्रसेन भवन में आयोजित रामकथा के चौथे दिन राम वि
लोहरदगा : विश्व ¨हदू परिषद के तत्वावधान में अग्रसेन भवन में आयोजित रामकथा के चौथे दिन राम विवाह उत्सव मनाया गया। इसमें भगवान श्रीराम के जीवन की व्याख्या की गई। रामकथा से वातावरण भक्तिमय हो गया था। एकल अभियान के हरि सत्संग समिति के व्यास मां ध्यानमूर्ति जी महाराज ने कथा वाचन किया। कथा वाचन के दौरान राम विवाह का वाचन करते हुए ध्यानमूर्ति जी महाराज ने कहा कि राजा जनक की ¨चता स्वाभाविक थी। राजा जनक ने ऐसा शपथ लिया था कि शिव धनुष को जो चढ़ाएगा, उससे ही वह अपनी पुत्री सीता का विवाह करेंगे। सीता विवाह में विश्वामित्र के साथ राम, लक्ष्मण भी आमंत्रित हुए थे। धनुष में प्रचंड चढ़ाकर राम ने स्वयंवर को सफल बनाया। परशुराम क्रोधित होकर जनक के दरबार में पहुंचे। उन्होंने धनुष तोड़ने वाले को अपना शत्रु बताया था। अनुष्ठान में मनोज प्रसाद, धनुर्देव तिवारी, गंगा राम ठाकुर, सुषमा ¨सह, मंजू अग्रवाल, विजय अग्रवाल आदि मौजूद थे।