कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभा रहीं नर्से
लोहरदगा में नर्सिग डे पर स्पेशल
राकेश कुमार सिन्हा, लोहरदगा : कोराना महामारी के खिलाफ बात जब लड़ने की होती है तो सबसे पहले मेडिकल कर्मियों यानी नर्सो की तस्वीर हमारी आंखों के सामने घूमने लगती है। संदिग्ध और मरीजों से सबसे पहला सामना नर्सो से ही होता है। कोरोना के खिलाफ जंग में नर्सो की भूमिका अहम है। वे दिन-रात अपने समर्पित काम से कोरोना को चुनौती दे रही हैं। इसी काम की वजह से कई दिनों तक परिवार से मिलने का मौका भी नहीं मिल पाता है। चुनौतियों के बावजूद इनका हौसला नहीं टूट रहा है। लोहरदगा में आइसोलेशन और क्वारंटाइन वार्ड में फिलहाल 34 नर्सिंग स्टाफ नियुक्त हैं।
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कहां क्वारंटाइन सेंटर में नियुक्त हैं कितने कर्मी
सेंटर कर्मी की संख्या
नंदलाल उवि अर्रू 2
जेएनवी जोगना 8
डीडीयू बक्सीडीपा 6
कल्याण छात्रावास 6
डीडीयू चिरी 6
सदर अस्पताल 6
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कुल 34
कितने हैं कर्मी
लोहरदगा जिले में कुल 154 एएनएम, 29 एमपीडब्ल्यू, 20 सीएचओ, 595 सहिया, 20 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं। ये लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत रह कर कोरोना ही नहीं, बल्कि दूसरे मरीजों की सेवा में लगी हुई हैं। इन्हें तो बस अपने आम और नौकरी के समय लिए गए शपथ से मतलब है। काम को लेकर मरीजों की सेवा का जो संकल्प इन्होंने लिया था, वे इस काम में अब भी डटे हुए हैं।
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क्या कहती हैं नर्स
लोहरदगा : सदर अस्पताल स्थित सेंटर में नियुक्त नर्स सरीता बिलुंग और केतकी कुमारी का कहना है कि काम के कारण वे परिवार से ड्यूटी के बाद मिल पाती हैं। अभी परिवार से मिलने में कोई परेशानी इस वजह से नहीं है कि फिलहाल लोहरदगा में कोई संक्रमित सामने नहीं आया है। अपनी ड्यूटी से डर नहीं लगता है। उन्होंने तो नौकरी के समय ही मरीजों की सेवा का संकल्प लिया था।