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वर्क आर्डर मिला नहीं, लग गई 874 स्ट्रीट लाइट

प्रशासन की लापरवाही से सरकारी राशि का बंदरबांट

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 09:46 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 09:46 PM (IST)
वर्क आर्डर मिला नहीं, लग गई 874 स्ट्रीट लाइट
वर्क आर्डर मिला नहीं, लग गई 874 स्ट्रीट लाइट

राजेश कुमार गुप्ता, भंडरा (लोहरदगा) : भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था के रघुवर दास सरकार के नारे को लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं। बिना कार्यादेश के ही भंडरा प्रखंड के अलग-अलग पंचायतों में 874 स्ट्रीट लाइट लगा दी गई। भंडरा प्रखंड में 14वीं वित्त आयोग की राशि से कुल 1233 स्ट्रीट लाइट लगनी है। जिसमें 874 स्ट्रीट लाइट लगने के बाद एक महीने के भीतर ही आधे से ज्यादा स्ट्रीट लाइट के बल्ब फ्यूज हो गए। तब इसकी खुलासा हुआ और हंगामा शुरू हुआ। जिसके बाद पंचायत प्रशासन ने मामले से अपने हाथ खींचते हुए किसी को भी कार्यादेश नहीं देने की बात कह डाली। जबकि प्रखंड प्रशासन द्वारा एजेंसी के भुगतान पर रोक लगाने का फरमान सुना दिया गया है। साथ ही बीडीओ ने मामले में जांच के बाद भुगतान पर निर्णय लेने की बात भी कही है। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि लाखों की इस योजना का क्रियान्वयन बिना किसी कार्यादेश के ही किया जा रहा था। घटिया सामान ने खुद ही भ्रष्टाचार की पोल को खोल कर रख दिया। प्रखंड क्षेत्र में 14वीं वित्त आयोग के राशि से लगे स्ट्रीट लाइट महज एक माह के अंदर ही फ्यूज होने लगे हैं।

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प्रखंड के 9 पंचायतों में 1233 स्ट्रीट लाइट लगाए थे, परंतु रांची के एक द्वारा प्रखंड के तीन पंचायत गडरपो, मसमानो व उदरंगी को छोड़ शेष 6 पंचायत में 16 लाख 9 हजार 34 रुपए की लागत से 874 स्ट्रीट लाइट लगाई गई। दिलचस्प बात यह है कि एजेंसी को कोई भी कार्य आदेश नहीं दिया गया था। सब कुछ मौखिक ही चल रहा था। यदि बल्ब फ्यूज नहीं होते तो घटिया सामान लगाकर लाखों की चपत लगा दी गई होती। इस मामले में पंचायत प्रशासन की भूमिका पूरी तरह से संदेह के घेरे में है। सोचने वाली बात यह है कि किसी पंचायत में कोई सामान लगाया गया या योजना का क्रियान्वयन किया गया तो पंचायत प्रशासन ने इसकी पड़ताल करने की कोशिश क्यों नहीं की। स्पष्ट है कि पंचायत प्रशासन का संबंधित एजेंसी को मौन समर्थन प्राप्त था। क्या कहते हैं पंचायत सचिव

लोहरदगा : पंचायत सचिव नरेश प्रसाद का कहना है कि स्ट्रीट लाइट लगाए जाने को लेकर पंचायत प्रशासन को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। एजेंसी की कार्यादेश भी नहीं दिया गया है। स्ट्रीट लाइट का भुगतान नहीं किया गया है। कौन सी एजेंसी ने और कितना स्ट्रीट लाइट लगाया है, उन्हें अब तक पता तक नहीं है। क्या कहती हैं मुखिया

लोहरदगा : भंडरा पंचायत की मुखिया सीता उरांव का कहना है कि स्ट्रीट लाइट कौन से मद से लगाया गया है, उन्हें पता नहीं है। एजेंसी वाले आए थे और बस्ती में कहां-कहां लाइट लगाना है बस इसकी सूची मांगकर चले गए। कोई काम का आदेश नहीं दिया गया है। एक स्ट्रीट लाइट की कीमत 1841 रुपए

भंडरा (लोहरदगा) : प्रखंड के 9 पंचायतों में 1233 स्ट्रीट लाइट लगाए जाने थे। जिसमें अबतक महज 874 स्ट्रीट लाइट ही लगाए गए है। इधर स्ट्रीट लाइट लगाने के एक माह बाद ही अधिकांश जगहों के स्ट्रीट लाइट फ्यूज होने लगे है। प्रत्येक स्ट्रीट लाइट की राशि एजेंसी द्वारा 1841 रुपए निर्धारित की गई। इस तरह से देखा जाए तो प्रखंड में 874 स्ट्रीट लाइट की कीमत 16 लाख 9 हजार 34 रुपए है। पंचायतों में लक्ष्य के अनुरूप नहीं लगी स्ट्रीट लाइट

भंडरा (लोहरदगा) : प्रखंड के 9 पंचायत में 14वीं वित्त आयोग की राशि से लगे स्ट्रीट लाइट लगने के एक माह के अंदर ही खराब होने लगे है। प्रखंड के अकाशी पंचायत में 131 स्ट्रीट लाइट लगाए जाने थे, परंतु 115 ही लाइट लगाकर कार्य को पूर्ण कर दिया गया। जबकि बड़ागाई में 141 के जगह 140, भंडरा 200 में 200, भौंरो 200-200, भीठा 139 में 139, गडरपो 103 की जगह 0, जमगाई 113 की जगह 80 लाइट लगे हैं, जबकि मसमानो में 105 और उदरंगी पंचायत में 101 में एक भी जगह शून्य स्ट्रीट लाइट ही लगाए गए हैं। क्या कहती हैं बीडीओ

लोहरदगा : बीडीओ रंजीता टोप्पो का कहना है क ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायत मिली है। एजेंसी को काम का कोई आदेश नहीं दिया गया था। भुगतान पर रोक लगा दिया गया है। किसी भी परिस्थिति में एजेंसी को पैसा नहीं दिया जाएगा। पंचायत सचिव व मुखिया को भी पैसा नहीं देने का निर्देश दिया गया है।


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