हंगामेदार रही जिला परिषद की बैठक, जिप सदस्य ने दी त्यागपत्र की धमकी
जिले में अधिकारी और प्रतिनिधियों की एकला चला चल की स्थिति फिर एक बार उजागर हो गई। अधिकारी और प्रतिनिधियों के बीच तालमेल की साफ कमी से पूरा प्रशासनिक और प्रतिनिधि महकमा रूबरू हुआ।
लोहरदगा : जिले में अधिकारी और प्रतिनिधियों की एकला चला चल की स्थिति फिर एक बार उजागर हो गई। अधिकारी और प्रतिनिधियों के बीच तालमेल की साफ कमी से पूरा प्रशासनिक और प्रतिनिधि महकमा रूबरू हुआ। विकास भवन में गुरुवार को आयोजित जिला परिषद की बैठक में उत्पन्न स्थिति से साफ हो गया कि लोहरदगा में अधिकारी और प्रतिनिधि न तो एक-दूसरे को समझना चाहते हैं और न ही एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। अपनी उपेक्षा पर प्रतिनिधि काफी नाराज दिखे। वहीं अधिकारी भी अपनी ही सुनाते रहे। लोहरदगा में गुरुवार को जिला परिषद की बैठक की शुरुआत ही हंगामे के साथ हुई। जिप सदस्य रामलखन प्रसाद ने प्रतिनिधियों को उनका अधिकार नहीं दिए जाने की स्थिति में त्यागपत्र और धरना करने तक की धमकी दे डाली। यह विवाद महज एक टेलीफोन डायरेक्टरी, सोलर आधारित जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट के लिए हुआ है। जिला परिषद की पिछली बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि जिला परिषद के सभी सदस्यों और कर्मचारियों के नाम और फोन नंबर को लेकर एक डायरी तैयार की जाएगी। इस बीच पुराने डीडीसी का स्थानांतरण भी हो गया। यह मुद्दा और प्रस्ताव बात आई-गई हो कर रह गई। गुरुवार को बैठक जैसे ही शुरू हुई वैसे ही जिला परिषद सदस्य रामलखन प्रसाद और सेन्हा प्रखंड प्रमुख कलावती देवी इस बात को लेकर सवाल उठा दिया। बैठक में जिला परिषद के प्रतिनिधि बैठकों में लिए गए निर्णय का अनुपालन नहीं होने का आरोप लगा रहे थे। वह लगातार बोल रहे थे कि वे जनता से चुन कर आए हैं। उन्हें सरकार और पंचायत राज नियमावली के तहत उनका अधिकार दिया जाना चाहिए। यहां विभाग के अधिकारी उनकी बात सुनते ही नहीं हैं। जिसके बाद डीडीसी प्रतिनिधियों के बर्ताव को लेकर भड़क गई। उन्होंने कहा कि वह भी चेयर में ही बैठी हैं। इस तरह से दिमाग में कुछ लेकर आने से कोई फायदा होने वाला नहीं है। बैठक में मौजूद अधिकारी भी इस तरह से वरीय अधिकारी और प्रतिनिधियों को उलझते देखकर हैरान रह गए। डीडीसी प्रतिनिधियों के बर्ताव को लेकर काफी नाराज हुई। जिप अध्यक्ष सुनैना कुमारी सहित अन्य प्रतिनिधियों ने कहा कि जब साफ है कि सभी विभाग आय-व्यय का ब्योरा जिला परिषद को देंगे तो ऐसा क्यों नहीं होता है। जब पंचायत में सोलर आधारित जलापूर्ति योजना महज ढाई लाख में लगाई जा सकती है तो 12-15 लाख खर्च क्यों किया जाए। जबकि डीडीसी पीएचईडी के माध्यम से सोलर आधारित जलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन की बात कह रही थी। बैठक में स्ट्रीट लाइल और सामुदायिक शौचालय सहित अन्य मामलों को लेकर भी मुद्दा गरमाया रहा। बैठक में किसी विशेष योजना को गति देने के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। मौके पर जिप उपाध्यक्ष जफर खान, जिप सदस्य रामलखन प्रसाद, रानी देनी, बिरमनी देवी, विनोद ¨सह खेरवार, पूनम ¨मज, कलावती देवी, कनकलता भानु एक्का आदि मौजूद थे।