मां काली की आराधना में लीन रहे जिलेवासी
लोहरदगा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में मंगलवार की रात मां काली की पूजा-अर्चना भक्तिभाव से की गई। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्थानों पर मां काली की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान के अनुरूप पूजा-अर्चना की गई।
लोहरदगा : लोहरदगा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में मंगलवार की रात मां काली की पूजा-अर्चना भक्तिभाव से की गई। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्थानों पर मां काली की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान के अनुरूप पूजा-अर्चना की गई। पूजा के बाद श्रद्धालु माता के दर्शन और प्रसाद पाने को लेकर उमड़ पड़े। शहरी क्षेत्र के पावरगंज चौक स्थित मां झारखंडेश्वरी मंदिर दुर्गा बाड़ी, वीर शिवाजी चौक स्थित श्रीश्री सिद्धिदात्री दुर्गामंदिर, हटिया गार्डेन में दुर्गामंदिर परिसर में, लोहरदगा रेलवे स्टेशन, ब्लाक मोड़, सदर प्रखंड के ¨नगनी गांव में दो स्थानों पर, किस्को प्रखंड के खरचा गांव में माता की पूजा-अर्चना की गई। लोहरदगा रेलवे स्टेशन में आरपीएफ और स्टेशन प्रबंधन की अगुवाई में भव्य रूप से माता की अराधना की गई। दुर्गा बाड़ी में काली पूजा स्थल आकर्षक विद्युत साज-सज्जा से जगमगाया रहा था। रेलवे स्टेशन समेत अन्य स्थानों पर हुई मां-काली की पूजा-अर्चना से वातावरण भक्तिमय हो गया था। मां काली की पूजा पूर्ण वैदिक रीति से संपन्न हुई। जिसके तहत गणेश-लक्ष्मी की पूजा, कलश पूजा, षोड्स मात्री का पूजन नवग्रह पूजन, सर्वाेतोभद्र मंडल का पूजन, चतुष्टयोगिनी पूजा, दशदिग्पाल एवं पंचलोक पाल पूजा के साथ मां काली की पूजा पुरोहितों ने कराया। इधर दुर्गा बाड़ी परिसर स्थित मां झारखंडेश्वरी काली मंदिर में बंगाली परंपरा व रीति रिवाज के अनुसार पूजा अनुष्ठान हुआ। दुर्गाबाड़ी में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। काली पूजा के अवसर पर दुर्गाबाड़ी में भंडारा का भी आयोजन किया गया था। जहां पर प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। भंडारा का प्रसाद पाने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के भक्त पहुंचे, सभी ने भंडारे का महाप्रसाद ग्रहण किया। इसी तरह से ¨नगनी गांव में दो अलग-अलग स्थानों पर आयोजित पूजा-अनुष्ठान में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने माता के दर्शन कर समाज व परिवार की सुख-शांति की प्रार्थना की। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में मां-काली की पूजा अनुष्ठान से वातावरण में माता की महिमा गूंज रही थी।