Lohardagga: जिले में नहीं थम रही बिजली चोरी, मीटर को बाईपास कर बिजली चोर विभाग को लगा रहे करोड़ों का चूना
बिजली की चोरी पूरे राज्य में एक गंभीर समस्या है। लोहरदगा जैसे छोटे जिले में बिजली की चोरी की स्थिति राजस्व के दृष्टिकोण से चिंतित करने वाली है। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिनके घरों में बिजली का मीटर लगा हुआ है वह भी बिजली की चोरी कर रहे हैं।
विक्रम चौहान, लोहरदगा: बिजली की चोरी करने वाले मीटर को बाईपास कर बिजली विभाग को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। बिजली विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक साल के दौरान मीटर बाइपास कर बिजली चोरी करने के कुल 90 मामले दर्ज किए गए हैं। यदि एक साल में बिजली चोरी से संबंधित अलग-अलग मामलों की बात की जाए तो, लोहरदगा जिले में कुल 438 मामले दर्ज हुए हैं।
हर महीने चार करोड़ का नुकसान
बिजली विभाग ने एक साल में 78 लाख 88 हजार 509 रुपये का राजस्व भी वसूल है। चिंता का विषय यह है कि बिजली चोरी और बकाया के कारण बिजली विभाग को हर महीने लगभग चार करोड़ रुपये का नुकसान होता है। लोहरदगा जिले में बिजली खर्च के रूप में बिजली विभाग को लगभग सात करोड़ रुपये का खर्च आता है। जिसमें से बिजली बिल के रूप में महज तीन करोड़ रुपये ही हर महीने वसूल हो पाते हैं।
बिजली चोरी और वसूली का क्या है आंकड़ा
लोहरदगा बिजली विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में लोहरदगा विभाग द्वारा बिजली चोरी और दूसरे मामलों से जुड़े हुए कुल 438 केस दर्ज कराए गए, जिसमें से मीटर बाईपास से संबंधित 90 मामले दर्ज हुए। बिजली चोरी और बकाया मामलों की संख्या 348 रही है। हालांकि बिजली विभाग ने बकाया राशि के रूप में 2250375 वसूल किए। वहीं जुर्माने के रूप में 5638134 रुपये वसूल किए गए।
बिजली विभाग कर रहा छापेमारी
मीटर लगे होने के बावजूद बिजली की चोरी करने वाले लोगों की हालत और संख्या देखकर बिजली विभाग भी परेशान हैं। बिजली बिल बचाने के चक्कर में लोग मीटर को बाईपास पर बिजली की चोरी कर रहे हैं। कई लोग तो ऐसे हैं, जो बकाया बढ़ने से बचने के लिए बिजली की चोरी करते हैं। बिजली विभाग द्वारा लगातार छापेमारी अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके बावजूद बिजली चोरी करने वाले लोगों की आदतों में कोई सुधार नहीं आ पा रहा।
क्या कहते हैं बिजली विभाग के अभियांता
लोहरदगा बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक खलको का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मीटर लगाए गए हैं लेकिन जानकारी के अभाव या लापरवाही के कारण भी ऐसा पाया गया है कि ग्रामीण अपने मीटर को हटा कर या मीटर बाइपास कर बिजली का उपयोग कर रहें है। ऐसे में विभाग के जांच दल को ऐसा कहीं मिलता है तो ग्रामीण इलाक़ों में भी मीटर बाइपास का केस किया जाएगा।
अभी झारखंड सरकार की तरफ से सभी ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनका मासिक बिजली खपत 100 यूनिट से कम है, उनको बिजली मुफ़्त में दी जा रही है, बशर्ते उनका मीटर सही से लगा हो। मीटर से बिजली जलाएं और 100 यूनिट मुफ़्त बिजली पाएं एवं मीटर बाइपास से बचें।