लोहरदगा-रांची रेलमार्ग पर दौड़ा बिजली इंजन
लोहरदगा : रांची-लोहरदगा रेलमार्ग में गुरुवार को पहली बार बिजली इंजन दौड़ा। लोहरदगा के लिए यह ऐतिहासिक
लोहरदगा : रांची-लोहरदगा रेलमार्ग में गुरुवार को पहली बार बिजली इंजन दौड़ा। लोहरदगा के लिए यह ऐतिहासिक अवसर था। विधिवत रूप से फूल मालाओं से सजा बिजली इंजन डीजल इंजन के साथ जुड़कर रांची से चलकर लोहरदगा पहुंचा था। जहां विधिवत पूजा-अर्चना के बाद बिजली इंजन को शेष बोगी से जोड़कर रांची के लिए रवाना किया गया। लोको पायलट एके ¨सह और सहायक लोको पायलट रौशन कुमार इलेक्ट्रिक इंजन को लेकर लोहरदगा पहुंचे थे। हालांकि इससे पूर्व बुधवार की देर शाम बिजली इंजन का ट्रायल लिया गया था, पर विधिवत रूप से गुरुवार को ही इसका परिचालन हुआ। सबसे खास बात यह रही कि दक्षिण-पूर्व रेलवे के रेलवे सुरक्षा आयुक्त प्रमोद कुमार आचार्य ने विद्युतीकरण कार्य का निरीक्षण करने के बाद इस लाइन पर विद्युत इंजन का परिचालन शुरू किया। विशेष रेल से लोहरदगा पहुंचे सीआरएस पीके आचार्य, डीआरएम वीके गुप्ता, सीईई गौतम बनर्जी, सीईडीई वीपी ¨सह, सीपीडी नवीन कुमार, डिप्टी सीई एके राय, डीके कुमार, सीनियर डीईएन, सीनियर डीओएम, सीनियर डीएसटीई, सीनियर डीईई, सीनियर डीएसओ, डीईएन, सीनियर डीएमओ, एडीएसटीई सहित रेलवे के कई तकनीकी अधिकारियों ने रांची से लोहरदगा आने के क्रम में पूरी लाइन में विद्युतीकरण कार्य और सुरक्षा मानकों की जांच की। पिस्का, टांगरबंसली, नगजुआ, पुल नंबर 115, लोहरदगा रेलवे स्टेशन में तकनीकी रूप से विद्युतीकरण कार्य की जांच की। रेलवे के तकनीकी अधिकारियों ने जांच में रांची से लोहरदगा तक के विद्युतीकरण कार्य को हरी झंडी दे दी है। अब शेष कार्य को पूरा किया जाएगा। मौके पर आरपीएफ निरीक्षक डीएस राठौर, एएसआई अरुण कुमार, स्टेशन प्रबंधक राबर्ट एक्का सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
सीआरएस, डीआरएम ने विधिवत पूजा-अर्चना कर किया शुभारंभ
लोहरदगा : विद्युतीकरण कार्य के उपरांत सीआरएस, डीआरएम, असिस्टेंट इलेक्ट्रीकल इंजीनियर (आपरेशन) पीके साहु ने विधिवत रूप से पूजा-अर्चना कर बिजली इंजन के परिचालन का शुभारंभ किया। पुरोहित उमा शंकर भट्टाचार्य, शिव प्रसाद, नकुल देव पौराणिक ने पूजा अनुष्ठान संपन्न कराया। रेलवे के अधिकारियों ने नारियल फोड़कर बिजली इंजन परिचालन का श्रीगणेश किया।
सपना पूरा होने में लगे 107 साल
लोहरदगा : रांची से लोहरदगा तक रेल का परिचालन वर्ष 1911 में शुरू हुआ था। जबकि वर्ष 2005 में छोटी लाइन के स्थान पर बड़ी लाइन में रेल सेवा की शुरूआत हुई। लोहरदगा से बड़की चांपी तक यात्री रेलगाड़ी का परिचालन 12 नवंबर 2011 को हुआ था। जबकि 9 मार्च 2017 को बड़की चांपी से टोरी तक यात्री रेलगाड़ी का परिचालन हुआ। लोहरदगा में रेल का यह सपना पूरा होने में 107 साल का समय लग गया। लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा है।
दिसंबर 2018 तक टोरी तक विद्युतीकरण कार्य होगा पूरा, दौड़गी रेलगाड़ी : सीआरएस
लोहरदगा : सीआरएस पीके आचार्य ने कहा कि दिसंबर 2018 तक लोहरदगा से टोरी तक विद्युतीकरण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन शुरू होगा। जिससे रांची से दिल्ली की दूरी तीन से चार घंटे कम हो जाएगी। बिजली इंजन का परिचालन फिलहाल लोहरदगा-रांची रेलमार्ग में नहीं होगा। जब तक कि टोरी तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा नहीं हो जाता है। बड़की चांपी तक विद्युतीकरण को ले पोल लगाने का काम पूरा किया जा चुका है। इधर डीआरएम वीके गुप्ता ने कहा कि रांची से लोहरदगा तक विद्युतीकरण कार्य पूरा होने को लेकर रेलवे मुख्यालय को सूचना दी गई है। यहां से इस रेलमार्ग पर एक रेलगाड़ी बिजली इंजन के साथ चलाने का प्रस्ताव भी भेजा गया है। मुख्यालय ही इस पर कोई निर्णय ले सकता है।
अधिकारियों के निरीक्षण को ले स्टेशन प्रबंधन था मुस्तैद
लोहरदगा : सीआरएस, डीआरएम सहित रेलवे के अन्य अधिकारियों के निरीक्षण को लेकर लोहरदगा रेलवे स्टेशन प्रबंधन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आया। स्टेशन परिसर में किसी को भी दुकान नहीं लगाने दिया गया था। आरपीएफ और रेलवे के कर्मचारी लगातार टिकट की जांच कर रहे थे। बार-बार लाउडस्पीकर पर स्टेशन को साफ रखने और टिकट लेकर यात्रा करने का संदेश प्रचारित किया जा रहा था। स्टेशन का आज बदला-बदला से रूप नजर आ रहा था।