प्रवासी मजदूरों को गांव वालों ने घर में रहने से रोका
लोहरदगा में मजदूरों को गांव ठहरने पर रोका
संवाद सूत्र, सेन्हा (लोहरदगा) : तमिलनाडु से लौटे 6 मजदूरों को ग्रामीणों ने उनके घर में रहने से रोक दिया है। इसके बाद सभी छह मजदूर एक विद्यालय भवन में शरण लिए हुए थे। मामले की सूचना मिलने के बाद सेन्हा प्रखंड विकास पदाधिकारी सच्चिदानंद महतो और सेन्हा थाना प्रभारी वीरेंद्र एक्का ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। हालांकि सभी मजदूरों को अभी वहीं रखा गया है। तमिलनाडु में एक फैक्ट्री में काम करने वाले 6 मजदूर ट्रेन रविवार को हटिया स्टेशन पहुंचे थे। जहां से उन्हें वाहन से लोहरदगा लाया गया। लोहरदगा लाने के बाद उनकी स्क्रीनिग की गई थी। स्थिति सामान्य पाए जाने के बाद सभी छह लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया था। जैसे ही मजदूर अपने घर पहुंचे, ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि मजदूर शराब पीकर आए हैं और यह दूसरे प्रदेश से आए हैं तो इन्हें घर में रहने नहीं दिया जाएगा। जबकि मजदूरों का कहना था कि वे सीधे जांच कराकर घर आ रहे हैं। ऐसे में उनके शराब पीने का प्रश्न ही नहीं उठता है। जब ग्रामीण नहीं माने तो सभी छह मजदूर सेन्हा प्रखंड के मूर्की तोड़ार विद्यालय में पहुंच गए। इसके बाद वहीं पर रह रहे थे। मामले की सूचना सोमवार की देर शाम सेन्हा प्रखंड विकास पदाधिकारी सच्चिदानंद महतो और सेन्हा थाना प्रभारी वीरेंद्र एक्का को हुई। इसके बाद ग्रामीणों को समझाया गया। ग्रामीणों से कहा गया कि मजदूरों की जांच की गई है। इन्हें होम क्वारंटाइन किया गया है। इनका घर भी काफी बड़ा है। ऐसे में इन्हें घर में रहने दिया जा सकता है। काफी समझाने के बाद ग्रामीण माने हैं। हालांकि रात होने के कारण मजदूरों को अब भी विद्यालय में ही रखा गया है।