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पहचान खो रहा कैरो का कुम्हार बांध

शंभू प्रसाद सोनी कैरो (लोहरदगा) पानी बचाने के लिए लोगों की संवेदना नजर नहीं आती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 09:02 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 09:02 PM (IST)
पहचान खो रहा कैरो का कुम्हार बांध
पहचान खो रहा कैरो का कुम्हार बांध

शंभू प्रसाद सोनी, कैरो (लोहरदगा) : पानी बचाने के लिए लोगों की संवेदना नजर नहीं आती है। जलस्त्रोत जो कभी क्षेत्र में भू-गर्भ जलस्त्रोत को बनाए रखने को लेकर अहम भूमिका निभाते थे, वह आज खुद पानी को तरस रहे हैं। लोहरदगा जिले के कैरो प्रखंड अंतर्गत कुडू पथ में कुम्हार बांध समतल होने के कगार में है। हालात ऐसे हैं कि कुम्हार बांध पहचान खोने के कगार पर है। कुम्हार बांध का निर्माण लगभग 50 वर्ष पूर्व किया गया था। बताया जाता है कि ग्रामीणों द्वारा कुम्हार बांध का निर्माण श्रमदान से किया गया था। बांध में बरसाती पानी को जमा किया जाता था। कुम्हार बांध का जीर्णोद्धार के लिए प्रतिनिधि या प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई पहल नहीं की गई है। बांध की गहराई बढ़ जाती तो बरसाती पानी का संचयन होता। लेकिन इसके लिए किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है। बांध में पानी रहने से आसपास के लोगों को सुविधा मिलती। हालांकि कैरो-कुडू सड़क में बांध के एक ओर गार्डवाल का निर्माण किया गया है। जिससे एक तरफ की मिट्टी का कटाव नहीं हो रहा है। पूर्व में लोग बांध के पानी का उपयोग सिचाई के अलावे नहाने व मवेशियों को पिलाने में किया करते थे। लेकिन अब तो बांध का अस्तित्व मिटने के कगार में है। जिससे पानी का ठहराव भी नहीं हो पाता है। गर्मी से पहले ही बांध में पानी पूरी तरह सूख गया है। इसके अलावे बांध के किनारे बड़ी-बड़ी झाड़ियां व घास उग गए हैं। बांध का जीर्णोद्धार नहीं होने से क्षेत्र के किसान सिचाई सुविधा से वंचित हैं। बांध की मरम्मत होने से मिलती सिचाई सुविधा

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कैरो (लोहरदगा) : कैरो-कुडू सड़क के किनारे कुम्हार बांध अब समतल होने के कगार में है। कैरो निवासी संजय महतो का कहना है कि जीर्णोद्धार के अभाव में बांध का अस्तित्व खतरे में है। जिसके कारण बांध अब समतल होने के कगार में है। काफी पुराना होने के कारण बांध में मिट्टी भर गया है। जिसके कारण पानी का ठहराव नहीं हो पाता है। कैरो निवासी संजय कुमार का कहना है कि जल संरक्षण के लिए सभी पुराने तालाब व बांध की मरम्मत आवश्यक है। कम गड्ढे वाले तालाब व बांध का जीर्णोद्धार होता तो पानी का ठहराव होता। कुम्हार बांध की मरम्मत अरसे से नहीं हुई है। जब से कुम्हार बांध का निर्माण हुआ है, एक बार भी जीर्णोद्धार कार्य नहीं हुआ है। जिसके कारण अब बांध धीरे-धीरे मैदान की शक्ल लेने लगा है। क्या कहते हैं अधिकारी

कैरो (लोहरदगा) : कैरो बीडीओ पवन कुमार महतो का कहना है कि जांच के बाद बांध की मरम्मत के लिए वरीय अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया जाएगा। जिले से स्वीकृति मिलने के उपरांत बांध की मरम्मत कराई जाएगी। जिससे किसान व आमजनों को सिचाई सहित अन्य लाभ मिल सकेंगे। भू-गर्भ जलस्तर को बनाए रखने को लेकर यह बांध बेहद अहम है।


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