बादल हटते ही बढ़ी कनकनी, जनजीवन बेहाल
ेलोहरदगा में पड़ रही कड़ाके की ठंड
संवाद सहयोगी, लोहरदगा : लोहरदगा में मौसम फिर एक बार बेहद सर्द हो चुका है। बारिश और बादल की वजह से जहां गुरुवार को लोग दिन भर कांपने को विवश नजर आए, वहीं बादल हटने के साथ ही शुक्रवार को फिर एक बार ठिठुरने को विवश दिखाई दे रहे हैं। ठंड की वजह से जनजीवन का बुरा हाल है। गरीबों तक अब तक सरकारी सहायता नहीं पहुंची है। हालांकि अंचल प्रशासन की ओर से राजस्व कर्मचारियों के साथ बैठक कर जरूरतमंदों तक कंबल वितरण को लेकर निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके बावजूद आवश्यक प्रक्रिया को लेकर इसमें देरी हो रही है। अब तक अंचल प्रशासन को कंबल वितरण को लेकर सूची भी उपलब्ध नहीं हो सकी है। जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मामले को लेकर सक्रियता नहीं दिखाई गई है। इसके परिणाम स्वरूप लोग ठंड से कांपने को विवश नजर आ रहे हैं। लोहरदगा जिले में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 21.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। आने वाले एक-दो दिनों में मौसम और भी सर्द होने की संभावना है। ठंड की वजह से गरीब और असहाय लोगों का ज्यादा बुरा हाल है। मजदूरी कर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले मजदूरों के लिए तो जैसे यह ठंड कहर बरसा रही है। मजदूर ठंड की वजह से काम पर निकल भी नहीं पा रहे। जंगली उत्पाद बेच कर अपना गुजारा करने वाले लोगों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। लोग काम पर निकलने में अपने आप को असहज महसूस कर रहे हैं। ठंड के कारण छोटे बच्चों और बीमार लोगों को भी परेशानी का सामना करना रहा है। मौसम में बदलाव के कारण बीमारियों का प्रकोप भी काफी बढ़ चुका है। लोग सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। अस्पताल में अन्य दिनों की अपेक्षा मरीजों की संख्या में अचानक से बढ़ोतरी हो चुकी है। डॉक्टर की कमी की वजह से मरीजों की लंबी कतार देखी जा रही है। स्कूलों में छुट्टियां होने के कारण बच्चों को कुछ राहत तो मिली है, परंतु घर में भी उन्हें ठंड से बचाव को लेकर कोई राहत नहीं मिल पाई है। बिजली व्यवस्था की बदहाली की वजह से लोग बिजली आधारित उपकरणों का भी लाभ ठंड से बचाव के लिए नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे में जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ठंड के कारण बाजार व्यवस्था और दुकानों में बिक्री पर भी असर पड़ा है। ग्राहक बाजार तक पहुंची नहीं पा रहे। जिससे व्यापारी ग्राहकों का इंतजार करते देखे जा रहे हैं। शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में अलाव की पर्याप्त व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। कुछेक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था कर खानापूर्ति की गई है। इससे लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही हाल रहा तो सब्जियों की खेती पर भी ठंड का असर पड़ेगा। पाला मारने के खतरे को लेकर किसान काफी चितित नजर आ रहे हैं।