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Lok Sabha Polls 2019: यहां हमेशा से निर्दलीय प्रत्याशियों का रहा है बोलबाला

Lok Sabha Polls 2019. लोहरदगा में लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों ने हमेशा से खेल बिगाड़ा है। कई मौकों पर निर्दलीय प्रत्याशी विजेता प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन गए हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 11:16 AM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 11:16 AM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: यहां हमेशा से निर्दलीय प्रत्याशियों का रहा है बोलबाला
Lok Sabha Polls 2019: यहां हमेशा से निर्दलीय प्रत्याशियों का रहा है बोलबाला

लोहरदगा, [राकेश कुमार सिन्हा]। लोहरदगा में लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों ने हमेशा से खेल बिगाड़ा है। कई मौकों पर निर्दलीय प्रत्याशी विजेता प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन गए हैं। पहले चुनाव से लेकर साल 2014 तक के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों की दखल ने चुनावी गणित को प्रभावित करने का काम किया है।

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वर्ष 1957 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे वाले डेविड मुंजनी ने पांच प्रतिशत वोट हासिल किया था। जबकि विजेता प्रत्याशी इग्नेश बेक को 15 प्रतिशत वोट मिले थे। 1967 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी डेविड मुंजनी को फिर एक बार पांच प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के प्रत्याशी कार्तिक उरांव को 13 प्रतिशत वोट मिले थे।

1971 के चुनाव में विजेता प्रत्याशी कांग्रेस के कार्तिक उरांव को 20 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि निर्दलीय प्रत्याशी एडमंड टोप्पो को पांच प्रतिशत प्राप्त हुए थे। 1977 के चुनाव में बीएलडी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले लालू उरांव को 20 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि स्वतंत्र प्रत्याशी कलमेंट टोप्पो को मात्र दो प्रतिशत वोट मिले थे।

साल 2004 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रामेश्वर उरांव ने 24 प्रतिशत वोट लाकर चुनाव जीता था। जबकि स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे वाले चमरा लिंडा ने छह प्रतिशत वोट हासिल किया था। साल 2009 का चुनाव तो और भी रोचक था। भाजपा के सुदर्शन भगत को 14 प्रतिशत वोट मिला था।

सुदर्शन भगत चुनाव जीत गए थे, परंतु इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी चमरा लिंडा ने 13 प्रतिशत वोट लाकर सुदर्शन भगत को कड़ी टक्कर दी थी। इस प्रकार से देखा जाए तो निर्दलीय प्रत्याशी हमेशा से यहां चुनाव का गणित बिगाड़ते रहे हैं। विजेता प्रत्याशियों के वोट बैंक में सेंध लगाते रहे हैं।

एक निर्दलीय प्रत्याशी डेविड मुंजनी ने तो चुनाव भी जीत कर दिखाया था। डेविड के बाद से भले ही किसी निर्दलीय प्रत्याशी ने चुनाव ना जीता हो, पर लोहरदगा लोकसभा चुनाव में हमेशा से निर्दलीय प्रत्याशियों की दखल रही है।


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