यहां हिंदूू और मुस्लिम मिलकर बनाते हैं भगवान जगन्नाथ का रथ Lohardaga News
Ratha Yatra. यहां मुस्लिम समुदाय के लोग रथ यात्रा की पूरी तैयारी में हिंदुओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जुटे हैं।
लोहरदगा, राकेश कुमार सिन्हा। एक ओर जहां देश में कई जगहों से धार्मिक उन्माद व सांप्रदायिक सौहार्द के बिगाड़ने की घटनाएं सामने आ रही हैं। वहीं राजधानी रांची से सटे लोहरदगा की सीमा पर स्थित गांव चनकोपी गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहा है। यहां मुस्लिम समुदाय के लोग रथ यात्रा की पूरी तैयारी में हिंदुओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जुटे हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ की साज-सज्जा कर रहे हैं। यह सिलसिला कोई आजकल का नहीं है पीढ़ियों से ये परंपरा चली आ रही है।
इस गुरुवार विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ की रथ यात्र निकाली जाएगी। यह हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। चनकोपी गांव में भगवान जगन्नाथ के रथ को सजाने में मुस्तकीम, कासिम, हजरत, मकबूल, अकीम और मकसूद लगे हुए हैं। मंदिर के केयरटेकर और रथ यात्रा आयोजक लाल आनंद किशोर नाथ शाहदेव कहते हैं कि सांप्रदायिक मेल मिलाप और भाईचारा इस गांव की मिट्टी में इस कदर रचा बसा है कि एक-दूसरे के पर्व त्योहार में सब खुशी से शरीक होते हैं। झगड़ा फसाद नहीं होता। सभी धर्मों का हमारे यहां सम्मान होता है। सबकी भागीदारी होती है। चनकोपी गांव में यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है।
इस गांव की खुशहाली का राज भी यही है। भगवान जगन्नाथ के रथ को सजा रहे मुस्तकीम अंसारी कहते हैं कि हम लोग हिंदू मुस्लिम बाद में हैं पहले हम इस गांव के ग्रामीण हैं। हिंदू-मुस्लिम सब लोग साथ मिलकर ईद और रथयात्र मनाते हैं। यही वजह है कि यह गांव खुशहाल है। यहां तीन धर्म के लोग हैं। खुदा की इबादत, जगन्नाथ महाप्रभु की आराधना और सरना माता की पूजा होती है। हम लोग पूर्वजों के समय से सभी के धार्मिक मूल्यों का संरक्षण कर रहे हैं।