खिल उठे अरमान, खेतों में आ गई जान
लोहरदगा में पिछले चार दिनों से झमाझम बारिश हो रही है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, लोहरदगा : सामान्य वर्षा से काफी कम बारिश को लेकर परेशान किसानों के लिए अच्छी खबर है। लोहरदगा जिले में विगत 4 दिनों से हो रही बारिश के बाद किसानों के अरमान खिल उठे हैं। बारिश के अभाव में सूखती फसलों के बाद अब बारिश होने से खेतों में जान आ गई है। लोहरदगा जिले में अब तक सामान्य वर्षापात 791.9 मिमी के विपरीत महज 726.8 मिमी बारिश हुई थी। जिसकी वजह से जिले में कुल 47 हजार हेक्टेयर में धान आच्छादन के लक्ष्य के विपरीत महज 40 हजार हेक्टेयर में धान आच्छादन हो पाया था। जो लक्ष्य का महज 85.21 प्रतिशत ही है।
अब बारिश होने से किसानों के लिए धान में हुए नुकसान की भरपाई का अवसर मिल पाया है। मक्का, उड़द, सब्जी सहित अन्य फसलों की पैदावार बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है। सरकार द्वारा लोहरदगा जिले को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित नहीं किए जाने के बाद किसान काफी नाराज थे। ऐसे में भले ही सरकार ने किसानों की ओर ध्यान न दिया हो पर प्रकृति ने किसानों को एक और मौका दे दिया है। इस बारिश से खेती को काफी फायदा होने की उम्मीद है। जो नुकसान अब तक खेती और किसानों को हो रहा था, अब उसकी भरपाई हो पाएगी। देर से भी बिचड़ा लगाने वाले किसानों के लिए भी अब धान रोपनी का एक आखरी मौका भी मिल गया है। हालांकि इसमें पूर्ण रूप से सफलता की उम्मीद तो नहीं की जा सकती है, पर पूरी तरह से नुकसान की उम्मीद भी नहीं है। किसानों के लिए यह बारिश एक प्रकार से वरदान बनकर आई है। चार दिनों में हुई बेहतर बारिश
लोहरदगा : लोहरदगा जिले में भले ही सितंबर माह में सामान्य वर्षापात 212.8 मिमी के विपरीत अब तक महज 110.1 मिमी बारिश हुई है, परंतु विगत 4 दिनों के दौरान हुई बारिश की वजह से खेतों में जान आ चुकी है। वर्षापात के आंकड़े बताते हैं कि 14 सितंबर से लेकर 24 सितंबर तक जिले में बारिश की एक बूंद तक नहीं पड़ी थी। जबकि 25 सितंबर को 10.1 मिमी, 26 सितंबर को 27 मिमी, 27 सितंबर को 12 मिमी और 28 सितंबर को 19.8 मिमी बारिश हुई है। ऐसे में यह किसानों और खेतों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस बारिश से खेतों में नमी आ चुकी है। फसलों के लिए काफी फायदेमंद हो रहा है। किसानों को सिचाई की समस्या से निजात मिल चुकी है। शहर की सड़कें हुई जलमग्न, घर से निकलना हुआ मुश्किल
लोहरदगा : लोहरदगा शहरी क्षेत्र की सड़कें जलमग्न हो चुकी है। लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो चुका है। कई स्थानों में जलजमाव की वजह से घरों तक में पानी जा रहा है। ऐसे हालात में लोगों की परेशानी काफी बढ़ चुकी है। समस्या हर साल आती है पर इसके निदान को लेकर प्रयास नहीं हो पाता। परिणाम साफ है कि लोग इसी समस्या से विगत कई दशकों से जूझते आ रहे हैं। कई क्षेत्र तो ऐसे हैं जिसमें हाल के समय में आबादी का विकास हुआ है। इन क्षेत्रों में ना तो नाली का पता है और ना ही सड़कों का। हल्की बारिश हुई नहीं कि पूरा का पूरा क्षेत्र एक तालाब में तब्दील हो जाता है। बीमारियां अलग से परेशान करती है। लोगों का जनजीवन जैसे नारकीय होकर रह गया है। ना तो नगर परिषद को इस बात की फिक्र है और ना ही स्थानीय प्रतिनिधियों को। समस्या की गंभीरता के बावजूद कोई इनकी समस्या को सुनने वाला नहीं है। 4 दिनों के बारिश के दौरान ज्यादातर क्षेत्रों में जल जमाव और गंदगी की समस्या काफी गंभीर हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थिति बदतर
लोहरदगा : ग्रामीण क्षेत्रों में भी बारिश की वजह से स्थिति काफी बदतर हो चुकी है। कच्ची सड़कें कीचड़ और तालाब में तब्दील हो चुकी है। गलियों का भी वही हाल है। जलजमाव के कारण परेशानी काफी बढ़ चुकी है। लोगों का आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कच्चे मकानों के लिए तो जैसे आफत की स्थिति है। पहाड़ी इलाकों में भी लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। हालात काफी खराब हैं। बारिश नहीं थमी तो ग्रामीणों के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना भी मुश्किल हो जाएगा। पहाड़ी इलाकों में जंगली उत्पादों को बेचकर अपना गुजारा करने वाले लोगों के लिए समस्या काफी गंभीर है। वह घर से बाहर निकल भी नहीं पा रहे। ऐसे में दिन काटना काफी मुश्किल हो रहा है। खेती के लिए काफी फायदेमंद है बारिश : शैलेंद्र
लोहरदगा : जिला कृषि पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार का कहना है कि 4 दिनों से हो रही बारिश खेती के लिए काफी फायदेमंद है। धान की फसल को इससे काफी फायदा पहुंचेगा। किसानों को सबसे पहले अपने खेतों में पानी रोक कर रखना चाहिए। जिससे उनकी फसल को सिचाई की समस्या ना हो यह बारिश खरीद के साथ-साथ आने वाले समय में रबी की फसल के लिए भी काफी फायदेमंद होने जा रही है। अमूमन सभी फसलों के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है।