टमाटर पर मौसम की मार, किसान हुए लाचार
.. खेत में ही सड़ने लगे टमाटर, नहीं मिल रहा बेहतर दाम .. बारिश के बाद टमाटर बर्बाद होने से किसान
.. खेत में ही सड़ने लगे टमाटर, नहीं मिल रहा बेहतर दाम
.. बारिश के बाद टमाटर बर्बाद होने से किसान परेशान
फोटो संख्या- 16 और 17
संवाद सहयोगी, लोहरदगा : सब्जियों की खेती कर अपने परिवार का गुजारा करने वाले किसानों के लिए इस बार बारिश आफत बन कर बरसी है। जिले में बेमौसम बारिश में टमाटर की खेती को भारी नुकसान पहुंचाया है। जिले के विभिन्न प्रखंडों में सब्जियों की खेती कर अपने परिवार का गुजारा करने वाले किसानों के लिए बेमौसम बारिश कहर बनकर टूटी है। हाल यह है कि मुनाफा तो दूर की बात किसानों के लिए पूंजी भी निकाल पाना मुश्किल हो रहा है।
सब्जियों की खेती किसानों के लिए महत्वपूर्ण
जिले में सब्जियों की खेती किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। किसानों के धर में आर्थिक मजबूती इससे काफी हद तक जुड़ी हुई है। जिले में लगभग 2000 हेक्टेयर में सब्जियों की खेती होती है। किसान खरीफ और रबी फसल के अलावे सब्जियों की खेती कर अपने परिवार का गुजारा करते हैं। इस साल गर्मी के मौसम में हर साल की तरह किसानों ने सब्जियों की खेती की थी। परंतु मई और जून माह में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। अब किसानों को खेतों में टमाटर ढूंढना पड़ रहा है। ज्यादातर फसल सड़ चुकी है, या फिर सड़ने की स्थिति में है। 20-25 हजार रुपए पूंजी लगाने वाले किसान अपनी पूंजी भी नहीं निकाल पा रहे। टमाटर का मिल रहा कम भाव
लोहरदगा : टमाटर की खेती से मुनाफे की उम्मीद लगाए हुए किसानों के लिए टमाटर की खेती किसानों को नुकसान दे गया है। बारिश और ओलापात की वजह से टमाटर की फसल में दाग लग गया है। ऐसे में व्यापारी इन फसलों को अच्छे दाम नहीं देना चाह रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि दाग लगे टमाटर को जब वे दूसरे राज्यों में भेजेंगे तो वहां पहुंचते-पहुंचते टमाटर सड़ चुका होगा। स्थानीय बाजार में भी ग्राहक ऐसे टमाटरों को पसंद नहीं कर रहे हैं। किसानों के लिए डूब मरने वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में टमाटर की कीमत 10 रूपए प्रति किलो है।
क्या कहते हैं किसान
किसान इमदाद अंसारी और अंजूर अंसारी का कहना है कि फसल खराब होने से काफी नुकसान हुआ है। पूंजी निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है। सरकार यदि कोई मुआवजा नहीं देती है तो उनके लिए कर्ज में डूबने की स्थिति होगी। ऐसे में उनके पास खेती से मुंह मोड़ने के अलावे कोई और विकल्प नहीं रह जाएगा। किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है। प्रशासन मुआवजा देने की कर रहा तैयारी
लोहरदगा : जिला कृषि पदाधिकारी विजय आनंद का कहना है कि बारिश की वजह से सब्जियों की फसल को हुए नुकसान को लेकर नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। जैसे ही सर्वेक्षण रिपोर्ट प्राप्त होती है, वैसे ही किसानों को मुआवजा देने की कार्यवाही शुरु कर दी जाएगी। विभाग को इस नुकसान की जानकारी है।