न दादा न भैया, वोट ऊके मिली जे पार लगाई हमीन के नैय्या
लोहरदगा में इलेक्शन एक्सप्रेस कार्यक्रम का आयोजन
राकेश कुमार सिन्हा, लोहरदगा : ए भईया हमीन के जिदगी तो ई रेल में कट जाईला। ना तो ज्यादा के लालच है और ना ही ई अपने मन सपना देखिला की हमीन ले कोई ताजमहल बनाई। हमीन के तो बस बिजली, पानी, सड़क से मतलब है। ई बार तो ना दादा, ना भैया, भोट तो उके मिली जे हमीन के नैया के पार लगाई। चुनावी हाल और रफ्तार का अंदाजा लगाने को लेकर लोहरदगा-रांची यात्री रेलगाड़ी से ज्यादा बेहतर जगह कोई नहीं हो सकती थी। चल पड़ा आज इसी रेल के सफर में। लोहरदगा रेलवे स्टेशन से जब रांची स्टेशन के लिए रेल खुली तो हर बोगी खचाखच भरी हुई थी। कहीं पैर रखने की भी जगह नहीं थी।
बात जब चुनाव की निकली तो नंद किशोर साहू ने कहा चुनाव है भैया, वोट तो सभी मांगेंगे, देना उसे ही हैं जो हमारे लिए काम करे। बहुत सुन चुके हैं सभी का। इस बार तो चुनकर वोट देंगे। उदय केसरी ने कहा चुनाव के इस मौसम में घोषणाएं खूब होती है, वादों की तो बरसात हो जाती है।
नामदेव उरांव ने कहा लोहरदगा में समस्याओं की कमी नहीं है। हर कोई सिर्फ अपनी पीठ थपथपा ता है। इस बार सोच समझकर वोट देंगे। जो हमारे लिए काम करने वाला होगा उसे ही हम चुनेंगे। मोहन राम ने बड़ी ही सादगी से कहा, दो वक्त की रोटी मिल जाए यही हमारे लिए काफी है। यहां तो रोटी के लिए भी एड़ियां रगड़नी पड़ती है। इसे ही यदि विकास कहते हैं तो फिर हमारे यहां विकास कहां है। शगुफ्ता परवीन ने कहा कि विकास करना ही है तो रोजगार को बाजार तक ले कर जाना होगा। जो यह काम करेगा उसे ही हम वोट देंगे। श्वेता कुमारी ने कहा चुनाव है भैया, अपने वोट का सही इस्तेमाल करेंगे। किसी के बहकावे में आने वाले नहीं हैं। नुसरत खातून भी सबकी बातों को सुनकर बोल उठी चुनाव में जीत और हार के बाद जो नेता नजर आ जाए वही सही मायने में हमारा नेता है। यहां तो चुनाव जीतते ही लोग गायब हो जाते हैं।
प्रवीण कुमार ने कहा चुनावी मौसम में झूठे वादों से काम नहीं चलने वाला है। जो काम करेगा उसे ही वोट देंगे, 5 साल में एक बार तो मौका मिलता है। वोटरों का मिजाज देखकर एहसास हो गया कि इस बार चुनाव में ठोस काम वाले को ही चुनने का वोटर मिजाज बना चुके हैं। कोई झूठ चलने वाला नहीं है। अगले स्टेशन पर उतरकर एक सवारी गाड़ी से वापस चल दिए लोहरदगा की ओर। इस उम्मीद में कि मतदाताओं का मिजाज सुन चुके। अब नेताओं को कुछ करके दिखाने की बारी आ गई है।