सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही छठ महापर्व संपन्न
- लोगों ने घरों और ग्रामीण क्षेत्रों में जलाशयों में किया गया अर्घ्य अर्पित फोटो संख्या- 2 जागरण
- लोगों ने घरों और ग्रामीण क्षेत्रों में जलाशयों में किया गया अर्घ्य अर्पित
फोटो संख्या- 2
जागरण संवाददाता, लोहरदगा : चैती छठ महापर्व के तहत सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किए जाने के साथ ही छठ महापर्व संपन्न हो गया। चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व को लेकर लोगों में एक उत्साह नजर आ रहा था। शुक्रवार को नहाय खाय, शनिवार की शाम खरना अनुष्ठान, रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ व्रतियों ने हवन-पूजन अनुष्ठान करते हुए महापर्व का समापन किया। ज्यादातर छठ व्रतियों ने अपने-अपने घर में छठ पूजा आयोजन को लेकर तैयारी कर रखी थी। लोगों द्वारा अपने घरों में जल कुंड का निर्माण कर भगवान भास्कर और छठ मैया को अर्घ्य अर्पित किया गया। शहरी क्षेत्र में इस तरह के मामले ज्यादा देखने को मिले। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जलाशयों में लोगों ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए छठ मैया और भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर अपने परिवार समाज और स्वजनों के लिए सुख, समृद्धि शांति की प्रार्थना की। सभी के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर विनती की। छठ महापर्व के समापन के साथ ही चैती छठ महापर्व का प्रसाद पाने के लिए भी लोग लालायित नजर आए। छठ व्रतियों ने इस बार स्वजनों और परिवार के सदस्यों के बीच ही छठ महापर्व का आयोजन किया था। जिससे कि भीड़भाड़ ना हो और लोग कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव कर सकें। परंपरागत रूप से अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही हवन-अनुष्ठान का आयोजन भी किया गया। सत्यनारायण कथा सुनकर छठ व्रतियों ने पूजन अनुष्ठान का समापन किया। चार दिनों तक लोहरदगा जिले के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में छठ मैया के गीत बजने से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया था। हर और भक्ति की धारा बह रही थी।