Lok Sabha Polls 2019: ...तब तीसरे की एंट्री ने छुड़ा दिए थे भाजपा-कांग्रेस के पसीने
Lok Sabha Polls 2019. लोहरदगा में 2014 के लोकसभा चुनाव में चमरा लिंडा ने तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के पसीने छुड़ा दिए थे।
लोहरदगा, [राकेश कुमार सिन्हा]। लोहरदगा लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के बीच की टक्कर हमेशा से रोचक रही है। उम्मीद के विपरीत प्रत्याशियों ने एक-दूसरे को पटखनी देने की कोशिश की है। इसी क्रम में कई ने इतिहास रचा है, तो कई इतिहास में अपना नाम दर्ज कराते-कराते रह गए। साल 2014 के चुनाव में एक ऐसे ही प्रत्याशी ने कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के होश ठिकाने ला दिए थे।
तीसरे की एंट्री ने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के पसीने छुड़ा दिए थे। तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी चमरा लिंडा ने इस चुनाव में खड़ा होकर चुनावी समीकरण बिगड़ गया था। साल 2014 के चुनाव में 2,26,666 वोट लाकर भले ही सुदर्शन भगत चुनाव जीत गए और कांग्रेस के रामेश्वर उरांव 2,20,177 वोट ला कर दूसरे स्थान पर रहे, परंतु तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे चमरा लिंडा ने एक लाख 18 हजार 355 वोट हासिल कर भाजपा और कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर दी थी।
इस तीसरे की एंट्री ने भाजपा और कांग्रेस को यह सोचने पर विवश कर दिया था कि यह समझना भूल होगी कि लोहरदगा सीट सिर्फ भाजपा और कांग्रेस की है। तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टी के टिकट पर लड़कर चमरा लिंडा ने सुदर्शन भगत और डॉ. रामेश्वर उरांव को एक चेतावनी दे दी थी।
झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे वीरेंद्र भगत ने 26109 और अन्य प्रत्याशियों ने भी 5000 से ऊपर वोट लाकर कहीं ना कहीं यह बता दिया था कि यहां के मतदाताओं को अपना वोट बैंक समझने वाले भाजपा-कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। इस चुनाव में चमरा लिंडा ने आदिवासी वोटों को एकजुट कर सुदर्शन भगत और रामेश्वर उरांव के लिए परेशानी खड़ी कर दी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी विगत चुनाव परिणाम काफी हद तक अपना असर डालेगा।