Lok Sabha Polls 2019: बड़ा मुद्दा : यहां है बॉक्साइट आधारित कारखाने की जरूरत
Lok Sabha Polls 2019. लोहरदगा में बॉक्साइट कारखाने की मांग होती रही है परंतु इसे पूरा करने की हिम्मत किसी भी राजनीतिक दल ने नहीं दिखाई है।
लोहरदगा, [राकेश कुमार सिन्हा]। लोहरदगा को बॉक्साइट की नगरी कहा जाता है। यहां की अर्थव्यवस्था पूरी तौर से बॉक्साइट आधारित व्यवसाय पर निर्भर है। बॉक्साइट के खनन से लेकर परिवहन और उससे जुड़े व्यवसाय के माध्यम से यहां के हजारों परिवार गुजारा कर रहे हैं। 80 के दशक से ही यहां पर बॉक्साइट कारखाने की मांग होती रही है, परंतु इसे पूरा करने की हिम्मत किसी भी राजनीतिक दल ने नहीं दिखाई है।
पहले तो थोड़ा बहुत शोर भी सुनाई देता था, अब तो वह भी गुम हो गया है। बॉक्साइट आधारित कारखाने की स्थापना होने से यहां पर रोजगार का स्वरूप बदल सकता है। लोहरदगा जिले के बगडू और पाखर के अलावा चांपी आदि क्षेत्रों में भी बॉक्साइट की प्रचुरता है। पहाड़ों में तो जैसे एल्यूमीनियम के भंडार छिपे हुए हैं।
यहां की खनिज संपदा देश के दूसरे हिस्सों में जा रही है। वहां के व्यापारी मालामाल हो रहे हैं। सरकार राजस्व वसूल कर खजाना भर रही है। ठगे जा रहे हैं तो बस यहां के लोग। बॉक्साइट के उत्खनन और परिवहन कार्य में यहां के लोगों को सिर्फ एक मजदूर की भूमिका में रखा गया है।
आज तक इस मुद्दे को उछालने की हिम्मत किसी ने नहीं दिखाई है। क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने कभी इसे अपना प्रमुख मुद्दा बनाया था, वह भी आज खामोश होकर रह गए हैं। पिछले कई चुनावों से बॉक्साइट आधारित कारखाने की मांग गायब हो गई है। अब तो आम लोगों ने भी आवाज उठाना बंद कर दिया है।