कड़ाके की सर्दी से ठिठुर रहा जनजीवन
लोहरदगा जिले में कड़ाके की सर्दी ने जनजीवन बेहाल कर दिया है।
जागरण संवाददाता, लोहरदगा : लोहरदगा जिले में कड़ाके की सर्दी ने जनजीवन बेहाल कर दिया है। लोग ठंड से ठिठुरने को विवश नजर आ रहे हैं। सर्द हवाएं चलने की वजह से बाजार पर भी असर नजर आ रहा है। लोगों का घर से निकलना बंद हो गया है। तापमान बेहद तेजी के साथ नीचे जा रहा है। लोहरदगा जिले में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 22.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। धूप निकलने के बाद ठंड और बढ़ गई है। मौसम के और भी सर्द होने की उम्मीद की जा रही है। शहरी क्षेत्र में नगर परिषद की ओर से अलाव की व्यवस्था तो की गई है, परंतु कंबल वितरण को लेकर अब तक पहल नहीं हो सकी है। हालांकि नगर परिषद की ओर से कंबल वितरण को लेकर प्रतिनिधियों से जरूरतमंद और गरीब लोगों की सूची मांगी गई है। जैसे ही सूची नगर परिषद को प्राप्त होती है, वैसे ही कंबल का वितरण शुरू किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों और प्रखंड मुख्यालयों में अब तक अलाव की व्यवस्था के साथ-साथ कंबल वितरण को लेकर भी कोई पहल नहीं हुई है। ठंड के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी मजदूरों के समक्ष उत्पन्न हो गई है। हर दिन काम कर अपने परिवार का पेट पालने वाले मजदूर ठंड में ठिठुरते हुए काम करने को विवश हैं। छोटे बच्चों, बीमार लोगों और सांस संबंधी रोग से परेशान लोगों के लिए भी यह ठंड काफी कष्टकारी साबित हो रही है। ठंड बढ़ने के साथ ही मौसम आधारित बीमारियों की चपेट में भी लोग आने लगे हैं। मौसमी बीमारियों के बढ़ने के बाद अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी नजर आ रही है। अब सोमवार से दसवीं और बारहवीं के कक्षाओं के शुरू होने के बाद विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि नीचे की कक्षाओं को लेकर सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं करने से अभिभावकों ने ठंड को देखते हुए थोड़ी राहत महसूस की है। जैसे-जैसे दिसंबर का महीना आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ठंड अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। किसानों के लिए मटर, आलू आदि फसलों को पाला मारने से बचाने के लिए भी एक चुनौती बन गई है।