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सलाखों के पीछे ¨जदगी काट रहे छह बिरहोर

लातेहार : सरकार की ओर से विलुप्तप्राय आदिम जनजाति बिरहोर परिवारों के संरक्षण और प्रो

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 09:46 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 09:46 PM (IST)
सलाखों के पीछे ¨जदगी काट रहे छह बिरहोर
सलाखों के पीछे ¨जदगी काट रहे छह बिरहोर

लातेहार : सरकार की ओर से विलुप्तप्राय आदिम जनजाति बिरहोर परिवारों के संरक्षण और प्रोत्साहन देने के लिए विविध प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन, निचले स्तर पर प्रशासनिक अनदेखी के कारण आज भी कई बिरहोर बदहाली का दंश झेल रहे हैं। इसका ताजा प्रमाण है लातेहार के बिनगड़ा कोने गांव में निवास करने वाले छह बिरहोर परिवार।

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जानकारी के अभाव में एक छोटी सी गलती ने छह बिरहोर ग्रामीणों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। लातेहार में मामले की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक पदाधिकारियों से लेकर आम लोग तक सभी सन्न रह गए। लोगों को इंतजार इस बात का है कि आखिर किसकी पहल पर बिरहोरों की पलामू जेल से रिहाई हो पाएगी।

------------------- पलामू जेल में बंद बिरहोर :

लातेहार के कोने बिनगड़ा निवासी सुनील बिरहोर, अर्जुन बिरहोर, किशुन बिरहोर, प्रकाश बिरहोर, बाबूलाल बिरहोर, विकास बिरहोर बीते एक वर्ष से पलामू जेल में बंद हैं।

------------------- कोने गांव से 35 ग्रामीण गए थे मजदूरी करने :

लातेहार आए झारखंड राज्य आदिम जनजाति एवं जन कल्याण विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप बिरहोर ने बताया कि लातेहार के कोने बिनगड़ा गांव के 35 ग्रामीण एक वर्ष पूर्व पलामू जिले के नवाबाजार स्थित अमन ब्रिक्स नामक ईंट भट्ठे में मजदूरी करने गए थे। मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण ग्रामीण आराम से कर रहे थे।

------------------ जंगल में मिले मोबाइल में सिम लगाया तो पहुंच गए जेल :

मजदूरी के बाद छह ग्रामीण जलावन के लिए सुखी लकड़ियों को लाने जंगल गए तो वहां उन्हें एक झोला मिला। झोले में टार्च, कपड़ा और मोबाइल मिला। मोबाइल देखकर ग्रामीणों ने अपना सीम कार्ड मोबाइल में लगा दिया। इसके बाद 16.11.2017 को पुलिस भट्ठे पर आई और छह बिरहोर को गिरफ्तार कर ले गई, थाने में पूछताछ के दौरान पूरे मामले की जानकारी दिए जाने के बाद भी जेल भेज दिया।

----------------- मानवाधिकार आइजी से लगाई न्याय की गुहार :

गांव के ग्रामीणों ने बताया कि छह बिरहोरो को पुलिस ने जेल भेज दिया है। जबकि उनका जुर्म सिर्फ ये था कि जंगल में मोबाइल मिलने पर वे उस मोबाइल में अपना सिम कार्ड लगाकर उसे इस्तेमाल करने लगे। विनीत, रामाधार, विवेक, यशोदा, कुंती, पुष्पा समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अशिक्षा और जागरूकता की घोर कमी है। इस कारण ग्रामीण नासमझी में जंगल में मिले मोबाइल में सिम कार्ड लगाकर उसका इस्तेमाल कर रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी मानवाधिकार आइजी नवीन कुमार को भी दी गई, उन्होंने सार्थक पहल करने का आश्वासन दिया है।

----------------- मेरे संज्ञान में यह मामला अभी आया है। पूरे मामले की जांच करवाने के बाद ही इस संदर्भ में स्पष्ट तौर पर कुछ बता सकूंगा।

- राजीव कुमार, उपायुक्त लातेहार।

:::::::::::--------- सरकार एक तरफ हमारे उत्थान के लिए प्रयास करने की बात कहती है, दूसरी तरफ प्रशासन की उदासीनता के कारण बिरहोर जेल में बंद हैं। इस मामले में स्थानीय स्तर पर पहल नहीं हुई तो मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई जाएगी।

-दिलीप बिरहोर, प्रदेश अध्यक्ष झारखंड राज्य आदिम जनजाति एवं जन कल्याण विकास समिति।


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