बाजारों में ईद को लेकर नहीं हैं खासा चहल-पहल
माहे रमजान को लेकर मनाए जाने वाला ईद जिलेभर में पूरी सादगी के ।
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : माहे रमजान को लेकर मनाए जाने वाला ईद जिलेभर में पूरी सादगी के साथ इस बार मनाया जाएगा। मुस्लिम समाज के लोग अपने घरों में ही ईद मनाएंगे। क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरे देशभर में लॉकडाउन 4 की घोषणा की गई है। ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर घरों में रहकर शारीरिक दूरी बनाकर सुरक्षा चक्र को मजबूत किया जाए। इसलिए बाजारों में भी रौनक नहीं है। दुकानें बंद हैं। इक्का-दुक्का दुकानें खुली हैं जहां पर सेवइयां सहित अन्य सामग्री ईद को लेकर सजाया गया है। लोग सुबह के समय घरों से निकलकर सेवइयां आदि की खरीदारी कर अपने घरों को चले गए। हर बार ईद के मौके पर बच्चों सहित बड़ों में यह उल्लास होता था कि ईद में नया कपड़ा खरीदेंगे। इस उत्साह में पूरी तरह विराम लग गया। क्योंकि लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद रही हैं। इसलिए कपड़ा दर्जी के यहां सिलाई के लिए भी नहीं दे सके। वैसे कई मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि घर में रखे और कपड़े हैं उसे ही हम पहनेंगे। क्योंकि जिदंगी बचाने के लिए यह अत्यंत जरूरी है।
--------- चांद अगर दिखा तो ईद की नमाज रविवार को पढ़ी जाएगी। नहीं दिखा तो दूसरे दिन यानी सोमवार को मनाएंगे। ईद की नमाज अपने घरों में ही पढ़ेंगे। ईदगाह व मस्जिद में सरकार की ओर से जितने व्यक्ति को जाने की इजाजत होगी वही जाएंगे। बाकि सभी लोग अपने घरों में पूरी सादगी के साथ ईद मनाएंगे। किसी से गले नहीं मिलेंगे ना ही हाथ मिलाएंगे। बधाई दूरी बनाकर ही देंगे। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ईद मनाएंगे। क्योंकि लॉकडाउन चल रहा है। इसका पालन करना आवश्यक है। यह देश हित में है। राष्ट्रहित के लिए यह कुर्बानी देनी पड़ेगी। एदार-ए- शरिया झारखंड का जो निर्णय है उसका अक्षरस पालन करेंगे। भारत में जो गरीबी है वह बढ़ गई है। हर ओर लोग दाने-दाने को मोहताज हैं। उनकी मदद करना सबसे बड़ा नेकी कार्य होगा।
-मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी
नाजिमे आला एदार-ए- शरिया, झारखंड