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लातेहार में हार्ट अटैक हुआ तो इलाज भगवान भरोसे

उत्कर्ष पाण्डेय लातेहार स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण सुर्खियों में रहने वाले लाते

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 May 2019 06:53 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 06:53 PM (IST)
लातेहार में हार्ट अटैक हुआ तो इलाज भगवान भरोसे
लातेहार में हार्ट अटैक हुआ तो इलाज भगवान भरोसे

उत्कर्ष पाण्डेय, लातेहार : स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण सुर्खियों में रहने वाले लातेहार जिले में हार्ट अटैक के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। जिले के सबसे बड़े सदर अस्पताल में हार्ट अटैक से इलाज की व्यवस्था के नाम पर सिर्फ ईसीजी मशीन है। यहां तैनात बालाजी एनजीओ से स्वास्थ्यकर्मी हार्ट अटैक का शुरुआती इलाज करने में खुद को सक्षम तो बताते हैं। लेकिन उन्हें इस संबंध में कोई विशेष ट्रेनिग नहीं मिली है।

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नहीं है खून का थक्का खत्म करने की दवा

जिले में सदर अस्पताल ही नहीं किसी निजी अस्पताल तक में हार्ट अटैक आने पर त्वरित रिलीफ के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली थंबोलाइसिस थेरेपी यानी खून का थक्का खत्म करने की दवा मौजूद नहीं है। इसके अलावा ईसीजी मशीन को छोड़कर ईको कार्डियोग्राफी मशीन तक नही हैं।

विभाग में नहीं आते हार्ट अटैक के मामले

लातेहार जिले में हार्ट अटैक के इलाज की व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को लेकर परिजन सीधे रांची, मेदिनीनगर या कहीं और भागते हैं। लंबी दूरी तय कर मरीज को अस्पताल ले जाने के कारण कई मरीजों की जान रास्ते में ही चली जाती है। फोटो :18, इलाज की व्यवस्था बनाने में जुटा विभाग : सीएस

लातेहार सीविल सर्जल डॉ. शिवपूजन शर्मा ने बताया कि सीमित संसाधनों के बावजूद विभाग की ओर से मरीजों के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। जिले में सदर अस्पताल और प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हार्ट अटैक के शुरुआती इलाज की योजना शुरू करने के मद्देनजर विभाग की ओर से तैयारी जारी है। जिले भर के अस्पतालों में जरूरी उपकरण और चिकित्सकों की तैनाती के लिए प्रपोजल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। सुनें ग्रामीणों की जुबानी :

जिले में हार्ट अटैक के इलाज की मुक्कमल व्यवस्था हर हाल में होनी चाहिए। इसकी व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों को इलाज के लिए रांची आदि जगहों पर जाना पड़ता है।

फोटो नंबर : 13, प्रकाश सिंह, समाजसेवी।

हार्ट अटैक के इलाज की मुक्कमल व्यवस्था का नहीं होना शासन की अनदेखी का परिचायक है। कई रोगी जिले में ऐसे होते हैं कि उन्हें समय पर इलाज मिल जाए तो उनकी जान बच सकती है लेकिन रांची ले जाते तक उनकी स्थिति खराब हो जाती है कुछ लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।

फोटो नंबर : 14, विशाल शर्मा, शिक्षाविद

नए जमाने में सब कुछ तेजी से बदल रहा है। बदलाव की इस नई परंपरा में सबसे पहले स्वास्थ्य सेवा की बेहतरी होनी चाहिए लेकिन इस ओर पता नहीं क्यों जिम्मेवारों को ध्यान नहीं जा रहा है। हर हाल में हार्ट अटैक के इलाज की व्यवस्था यहां होनी चाहिए।

फोटो नंबर : 15, भुनेश प्रसाद, पूर्व सरपंच

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