मस्जिदों में तीसरे जुमे पर सजदे में झुके हजारों सिर
लातेहार : रमजान महीने के तीसरे जुमे की नमाज शुक्रवार को लातेहार शहर से लेकर आसपास की मस्जिदों में अद
लातेहार : रमजान महीने के तीसरे जुमे की नमाज शुक्रवार को लातेहार शहर से लेकर आसपास की मस्जिदों में अदा की गई। तीसरे जुमे की नमाज में मुस्लिम धर्मावलंबियों की भीड़ उमड़ पड़ी। जिले की मस्जिदों में लोगों के सिर सजदे में झुक गए तथा रोजेदारों ने अमन-चैन की दुआ मांगी। मौके पर बच्चे, बूढ़े एवं जवानों ने मस्जिदों में जहां खुदा की इबादत की, वहीं महिलाओं ने भी अपने-अपने घरों में खुदा की बंदगी की। नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने देश के अमन-चैन, खुशहाली के लिये अल्लाह से दुआएं मांगी। किन्हीं कारणों से रोजा न रखने वालों ने भी तीसरे जुमे पर रोजा रखा। नमाज खत्म होते ही बाजार की रौनक बढ़ गई, लोगों ने इफ्तार व सहरी के सामान की खरीदारी की। ईद नजदीक आने के चलते लोग अपनी-अपनी तैयारियों में मशरूफ दिखे। मौलाना अब्दुर आलम रजवी ने माह-ए- रमजान की अहमियत का बयान किया। उन्होंने फरमाया कि रमजानुल मुबारक नेकियों का मौसम-ए- बहार है, यह इबादत की कसरत का महीना है। इस महीने का खास महत्व होता है। इसमें इबादत और नेकियों का सबाब 70 गुना इजाफे के साथ अदा किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह महीना जिक्र तिलावत और इबादत से नेकी हासिल करने का है, सभी को इसका फायदा लेना चाहिए। रमजान माह में एक कोताही ये भी है कि लोगों में सुस्ती पाई जाती है, रोजा रख लोग दिन का अधिकांश समय सोने में गुजार देते हैं जबकि इसमें हर लम्हे की कद्र करनी चाहिए। रोजे की हालत में दिन भर कुछ खाने-पीने की हलाल चीजों को छोड़ना पड़ता है। रोजा रखने वाले हर मुसलमान को इससे सीख मिलती है कि पूरी ¨जदगी हराम और बुरे कामों से दूर रहो। इस्लाम की बुनियाद ही पांच चीजों पर कायम है। पहला कलमा पढ़ना, दूसरा नमाज तीसरा रमजान में रोजे रखे जाएं, चौथा जकात अदा की जाए और अंतिम मालदार मुसलमान हज जरूर करें।