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पर्यावारण सरंक्षण का संदेश देता है प्रकृति पर्व

लातेहार लातेहार में सोमवार को सरहुल की धूम रही। आदिवासी बासाओड़ा के समीप आयोजित क

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 05:59 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 07:58 AM (IST)
पर्यावारण सरंक्षण का संदेश देता है प्रकृति पर्व
पर्यावारण सरंक्षण का संदेश देता है प्रकृति पर्व

लातेहार : लातेहार में सोमवार को सरहुल की धूम रही। आदिवासी बासाओड़ा के समीप आयोजित कार्यक्रम में पारंपरिक वेशभूषा में मांदर की थाप पर लोगों ने जमकर नृत्य किया। सभी आखाड़ा के नृत्य मंडली को मांदर देकर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लातेहार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विष्णुकांत सहाय एवं विशिष्ट अतिथि सीजेएम अनिल पांडेय मौजूद थे। पीडीजे ने कहा कि आदिवासियों को अपनी संस्कृति को बचाने की जरूरत है। इस पर्व में आदिवासी समाज प्रकृति की पूजा करता है। यह पर्व जनजातियों का प्रकृति से लगाव दिखता है। सीजेएम अनिल पांडेय ने कहा कि यह आदिवासियों का प्रमुख त्योहार है। युवक-युवतियां गीतों की ताल पर नृत्य पर झूमते हुए प्रकृति से अपने जुड़ाव का परिचय देते हैं। इस मौके पर बीडीओ गणेश रजक, प्रमुख अशोक सिंह, जिला परिषद सदस्य बिनोद उरांव, आशा देवी, बिरसा मुण्डा सुदेश्वर उरांव, डॉ. सालखू चंद्र हांसदा, थाना प्रभारी नरेश प्रसाद, डॉ. मनीष लाल समेत कई लोग उपस्थित थे। विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन सरहुल कार्यक्रम में जिला प्राधिकार की और से विधिक जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें प्रधान जिला में सब न्यायाधीश विष्णु कांत सहाय एवं सीजेएम अनिल पाण्डेय ने कानून की जानकारी विस्तार से दी।

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संस्कृति व पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है सरहुल

संवाद सूत्र, चंदवा : प्रकृति पर्व सरहुल झारखंड की गौरवशाली प्राकृतिक धरोहर है। यह मानव सभ्यता, संस्कृति एवं पर्यावरण की रीढ़ है। जिसे बचाकर रखना न सिर्फ आदिवासियों की अपितू पूरे मानव जाति की सामूहिक जिम्मेदारी है। उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि पूर्व सीओ लाल गंगाधर भगत ने चंदवा के कृषि फार्म में आयोजित सरहुल महोत्सव में कही। कहा कि सरहुल आदिवासी समाज के लोगों का सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक जीवन का मूलाधार प्रकृति है। जल-जंगल-जमीन को आबाद करना आदिवासियों के विरासत का इतिहास रहा है। महोत्सव की अध्यक्षता पड़हा राजा धनेश्वर उरांव व मंच संचालन सीतमोहन मुंडा ने करते हुए लोगों को साल समेत अन्य वृक्षों के संरक्षण का संकल्प दिलाया। प्रमुख नवाहिर उरांव, पंसस नीलम देवी, मुखिया संगीता लकड़ा व पुष्पा देवी ने मंच से लोगों को प्रकृति पर्व की अस्मिता को बचाए रखने के लिए पौधरोपण, संरक्षण व संव‌र्द्धन की बात कही। मौके पर झामुमो जिलाध्यक्ष लाल मोतीनाथ शाहदेव, दीपू सिन्हा, अनुप बड़ाइक, सुमन सुनील सोरेंग, लाल बिहारी उरांव, रंजीत उरांव, स्टेफन मिज, विनेश्वर उरांव, जयन्ती कुमारी, अनिता कुमारी, अप्रीला कुमारी, पूनम कुमारी, पूर्णिमा कुमारी, सुषमा, बरख समेत अन्य मौजूद थे। प्रशासन रहा मुस्तैद सरहुल पर्व पर आयोजित शोभायात्रा व समारोह को सफल बनाने को लेकर पूजा समिति के अलावा स्थानीय प्रशासन मुस्तैद दिखा।

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बारियातू में सरहुल की धूम

बारियातू : प्रखंड के नचना सरना स्थल में प्रकृति पर्व सरहुल धूमधाम से मनाया गया। प्रखंड स्तरीय सरहुल पर्व को सफल बनाने में राजेश्वर भगत, महेंद्र भगत, श्रवण उरांव, नरेश उरांव, जितेंद्र उरांव, संजय उरांव, दिगंबर टाना भगत, बुधराम उरांव, जीतू उरांव सहित अन्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


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