दुनिया चले न श्री राम के बिना, राम जी चले न हनुमान के बिना.
संवाद सूत्र हेरहंज (लातेहार) दुनिया चले न श्री राम के बिना राम जी चले न हनुमान के बिना
संवाद सूत्र, हेरहंज (लातेहार) : दुनिया चले न श्री राम के बिना, राम जी चले न हनुमान के बिना, राधे-राधे जपा करो कृष्ण नाम रस पिया करो..। ऐसे ही कई भक्ति गीतों से गूंज रहा था हेरहंज प्रखंड। अवसर था मंगलवार को प्रखंड में श्रीहनुमंत प्राण प्रतिष्ठा व श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ को लेकर निकली कलश यात्रा का। लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम, पांकी विधायक शशि भूषण मेहता व लातेहार जिला परिषद उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू ने संयुक्त रूप से कलश यात्रा का शुभारंभ किया। इसके बाद मंच में उपस्थित अतिथियों को यज्ञ समिति ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इसके बाद अतिथियों ने संयुक्त रूप से स्वामी शेषणारायनाचार्य को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस दौरान थानेदार ने सभी लोगों के बीच जिला पुलिस की ओर से मास्क व सैनिटाइजर का वितरण किया। कार्यक्रम के दौरान पूरी तरह से कोरोना को लेकर जारी नियमों का पालन किया गया। इस मौके पर रंजीत जायसवाल, रूपेंद्र जायसवाल, प्रभात कुमार, अंकित पाण्डेय, विशाल कुमार, चंद्रकांत जायसवाल समेत बड़ी संख्या में लोग शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मौजूद थे।
एक दूसरे के प्रति भाईचारगी बढ़ाता है यज्ञ : विधायक
लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम ने कहा कि यज्ञ करने से जहां एक ओर वातावरण शुद्ध होता है, वहीं एक दूसरे के प्रति भाईचारगी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह यज्ञ करने के पूर्व यज्ञस्थल को शुद्ध किया जाता है उसी तरह मन के मंदिर को भी शुद्ध करें और अपने मन के अवगुणों की भी आहूति दें।
यज्ञ से पर्यावरण होता है शुद्ध : पांकी विधायक
पांकी विधायक शशिभूषण मेहता ने कहा कि हवन यज्ञ से जहां पर्यावरण शुद्ध होता है, वहीं काफी हद तक प्रदूषण पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है। हवन यज्ञ में यदि कुटकी, चिरायता, बावची, पीपल और गाय का शुद्ध घी प्रयोग किया जाए, तो वातावरण को प्रदूषण से काफी हद तक बचाया जा सकता है। बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए यज्ञ जरूरी : राजेंद्र
लातेहार जिला परिषद उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए एक अच्छा विकल्प हवन यज्ञ है, इससे जहां वातावरण शुद्ध होता है, वहीं आत्मशांति भी प्राप्त होती है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे भी अपनी दिनचर्या में हवन यज्ञ को शामिल करें, ताकि आने वाली पीढि़यों के लिए वातावरण को स्वच्छ रखा जा सके। वैदिक सभ्यता का आधार ही हवन : शेषनारायणाचार्य
आचार्य स्वामी शेषनारायणाचार्य ने हवन की महत्ता बताते हुए कहा कि हवन से वातावरण ही नहीं तन और मन भी शुद्ध हो जाता है। उन्होंने कहा कि हवन वाले स्थान पर प्राणवायु की मात्रा भी बढ़ जाती है। हमारा देश ऋषि, मुनियों का देश रहा है। वैदिक सभ्यता का आधार ही हवन है। वैदिक सभ्यता ही विश्व को सुख व शांति दे सकती है। विदेशी भी रिसर्च में मानते हैं कि यज्ञ के बाद वातावरण शुद्ध होता है। कहा कि हवन यज्ञ करवाने व उसमें शिरकत करने से तन के कष्टों से तो छुटकारा मिलता ही है। साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से भी रक्षा होती है। कहा कि वर्तमान समय में हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। हमें अपनी पुरातन संस्कृति को बनाए रखते हुए इसका अनुसरण करना चाहिए। महिलाओं के एक रंग का परिधान रहा आकर्षण : श्रीहनुमंत प्राण प्रतिष्ठा व श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ को लेकर निकली कलश यात्रा में महिलाएं व युवतियां लाल और गेरुआ वस्त्र पहन माथे पर कलश लेकर कतारबद्ध होकर चल रही थीं। यह ²श्य कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण का केंद्र बिदू रहा। कलश यात्रा के दौरान हर-हर महादेव व बजरंग बली के जयघोष से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया।