Move to Jagran APP

मातृभूमि प्रेमियों के हृदय में विराजमान है भगवा ध्वज : सचिदानंद

संवाद सूत्र चंदवा (लातेहार) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चंदवा ने गायत्री शक्तिपीठ में गुरू पूजन स

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 06:57 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 06:57 PM (IST)
मातृभूमि प्रेमियों के हृदय में विराजमान है भगवा ध्वज : सचिदानंद
मातृभूमि प्रेमियों के हृदय में विराजमान है भगवा ध्वज : सचिदानंद

संवाद सूत्र, चंदवा (लातेहार) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चंदवा ने गायत्री शक्तिपीठ में गुरू पूजन सह गुरु दक्षिणा उत्सव का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान कोरोना वैश्विक महामारी से बचाव के प्रशासनिक नियमों का संपूर्ण पालन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बौद्धिक देते हुए प्रांत संघ चालक सचिदानंद अग्रवाल ने कहा कि भारतीय इतिहास गुरू-शिष्य संबंधों की अनगिनत गाथाओं से भरा पड़ा है। इन सजीव गुरुओं के साथ एक गुरू ऐसा भी है जो शाश्वत सत्य, बलिदान और सदा विजयी भाव के प्रतीक के रूप में आज भी मातृभूमि प्रेमियों के हृदय में विराजमान है। वो गुरु कोई देहधारी व्यक्ति नहीं बल्कि परम पवित्र भगवा ध्वज है। जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने गुरु के स्थान पर आरूढ़ किया है। स्वयंसेवक प्रत्येक वर्ष गुरू दक्षिणा उत्सव का आयोजन करते हैं। संघ में यह कार्यक्रम प्रारंभिक काल से करने की परंपरा रही है। कोरोना जैसी महामारी, विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयंसेवकों में देशभक्ति एवं समर्पण की भावना को बनाए रखना ही इसका मूल उद्देश्य है। पलामू विभाग कुटूंब प्रबोधन प्रमुख राजेश चंद्र पाण्डेय ने कहा कि संघ में गुरू दक्षिणा उत्सव को खास माना जाता है। क्योंकि यही वह उत्सव होता है जिसमें सही मायने में जीवन की दिशा तय करने वाले गुरू के प्रति आभार प्रकट किया जाता है। यह आवश्यक नहीं कि किसी देहधारी को ही गुरू माना जाए। मन में सच्ची लगन एवं श्रद्धा हो तो गुरू को कहीं भी पाया जा सकता है। एकलव्य ने मिट्टी की प्रतिमा में ही गुरू को ढूंढा और महान धनुर्धर बना। दत्तात्रेय जी ने चौबीस गुरु बनाए। उन्होंने संसार में मौजूद हर उस वनस्पति, प्राणी, ग्रह-नक्षत्र को अपना गुरू माना जिससे कुछ सीखा जा सकता था। हेडगेवार जी का भी मानना था कि हम किसी व्यक्ति के विषय में यह विश्वास के साथ नहीं कह सकते कि वह सदैव अपने मार्ग पर अटल रहेगा। इसीलिए उन्होंने व्यक्ति पूजा के स्थान पर भगवा ध्वज को गुरु के स्थान पर विराजित किया। तब से लेकर आज तक भगवा ध्वज को गुरु मानकर स्वयंसेवक गुरू दक्षिणा अर्पित करते हैं। इस मौके पर जिला गौ सेवा प्रमुख नरेश गुप्ता, जिला कार्यवाह धर्मेंद्र जायसवाल, खंड कार्यवाह रमेश प्रसाद, कृष्ण चंद्र पांडेय, महेंद्र अग्रवाल, नरेंद्र अग्रवाल, लाल अमित नाथ शाहदेव, राजकुमार गुप्ता, हरि सिघल, दिनेश साहू, विनय विद्यार्थी, राजेश चंद्रवंशी, मोहिनीश कुमार, गोपाल जायसवाल, विनय साहू समेत कई स्वयंसेवक मौजूद थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.