गारू के मुखिया, पंचायत सेवक समेत चार पर प्राथमिकी का आदेश
जागरण संवाददाता लातेहार मनरेगा कार्य में अनियमितता करने वालों के खिलाफ उपायुक्त अबू इमर
जागरण संवाददाता, लातेहार : मनरेगा कार्य में अनियमितता करने वालों के खिलाफ उपायुक्त अबू इमरान ने बड़ी कार्रवाई की है। उपायुक्त ने मनरेगा नियम के विरूद्ध कार्य करने वाले मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कंप्यूटर आपरेटर एवं मेठ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। उपायुक्त ने उपविकास आयुक्त को दोषियों पर अविलंब कार्रवाई को लेकर निर्देशित किया है।
क्या है मामला :
जिले के गारू प्रखंड में मनरेगा के तहत वर्ष 2017-18-2021 तक भेंडर, मुखिया, पंचायत सेवक,रोजगार सेवक, कंप्यूटर आपरेटर एवं मेठ की मिली भगत से नियम विरुद्ध मनरेगा के संचालित योजनाओं में कार्य कर रहे राज मिस्त्री एवं मजदूरों के भुगतान की जाने वाली राशि को भेंडर के खाते में डाला गया था। जिसकी जांच उपायुक्त के द्वारा उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में टीम गठित कर कराई गई थी। जिसमें सभी पंचायत के मुखिया,पंचायत सेवक,रोजगार सेवक, कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं मेठ दोषी पाए गए। जिस पर उपायुक्त ने कार्रवाई करते हुए संबंधित दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने का निर्देश दिया।
48 लाख 24 हजार 499 राशि की हुई है अनियमितता :
गारू प्रखंड में मनरेगा के तहत राज मिस़्त्री एवं मजदूरों की 48 लाख 24 हजार 499 राशि को मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कंप्यूटर ऑपरेटर, वेंडर एवं मेठ की मिली भगत से गबन किया गया है। इसे लेकर उपायुक्त के द्वारा संबंधित दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने का निर्देश दिया गया है। इन वेंडरों एवं मुखिया पर होगी कार्रवाई :
मनरेगा के तहत राज मिस़्त्री एवं मजदूरों की मजूदरी अपने वेंडर के खाते में डाले जाने को लेकर उपायुक्त के द्वारा वेंडर मंजर काशमी आलम, मां भगवती इंटप्राइजेज, जय मां सीमाचंडी, मेसर्स सूरज इंटरप्राइजेज, जबकि गारू प्रखंड के सभी पंचायत के मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, दो कंप्यूटर ऑपरेटर एवं संबंधित मेठ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। जांच के बाद उपायुक्त ने की कार्रवाई :
गारू प्रखंड में मनरेगा कार्य में अनियमिता बरते जाने के मामले आने के उपविकास आयुक्त सुरेंद्र कुमार वर्मा की अध्यक्षता में गठित टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। बताते चलें कि पूर्व में नगर पंचायत पदाधिकारी द्वारा गठित टीम को उपायुक्त ने निरस्त करते हुए पुन: वरीय पदाधिकारी उपविकास आयुक्त की अध्यक्षता में टीम गठित कर जांच कराई थी।