गांव की बेटियों को बना रहीं हुनरमंद
डिपल राजा मनिका (लातेहार) कहते हैं कि कोई महिला मुश्किलों से लड़ने की ठान ले तो
डिपल राजा, मनिका (लातेहार) :
कहते हैं कि कोई महिला मुश्किलों से लड़ने की ठान ले, तो फिर बड़ी से बड़ी चुनौती उसे नहीं झुका सकती। ऐसी ही कहानी है मनिका प्रखंड निवासी सावित्री कुमारी की। हालात से लड़कर अपनी एक अलग पहचान बनाई और 20 लड़कियों को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए हुनरमंद बनाया है। सावित्री को पढ़ने का बहुत शौक था, इसलिए मनिका निवासी कैलाश सिंह से शादी के बाद भी ससुराल वालों के सहयोग से स्नातकोत्तर और डीएलएड की पढ़ाई की। इसके बाद मनिका के ही एक स्कूल में पढ़ाने लगीं। कुछ समय बाद जब उन्हें लगने लगा कि वह सिलाई कर सकती हैं तो उन्होंने अपने आस-पड़ोस के लोगों से कपड़ा मांगना शुरू किया।
पड़ोसियों की मदद से खुद के बाद दूसरों को सिखाई सिलाई :
सावित्री ने बताया कि दो साल पहले अपने पड़ोसियों से यह कहकर कपड़ा ले लेती कि उनके बच्चों के लिए कोई ड्रेस सिलकर दे दूंगी। अब इतना तो भरोसा आ गया था मुझे खुदपर कि मैं किसी का कपड़ा खराब नहीं करूंगी। बस ऐसे करके मैंने सिलाई भी सीख ली। इसके बाद उन्होंने अपना कुछ शुरू करने की सोची। सिलाई का काम तो मिलने लगा था। एक दिन, मेरी एक जानने वाली, जो मुझसे कपड़े सिलवाती थी। अपनी बेटी को मेरे पास लेकर आई और पूछने लगी कि क्या मैं उसे सिलाई सिखा सकती हूं। मैंने हां कर दी और फिर वहीं से मेरी सिलाई का ट्रेनिग सेंटर भी शुरू हो गया। मुझे कभी भी किसी से नहीं कहना पड़ा कि वो अपनी बेटी को मेरे पास सिलाई सिखने भेजे।
ग्रामीण लड़कियों को बनाया हुनरमंद :
उन्होंने बताया कि विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाली लड़कियों को वह मुफ्त में पढ़ाई और सिलाई दोनों सिखाने लगीं। सावित्री ने दो साल के दौरान 20 लड़कियों को सिलाई में इतना निपुण बना दिया कि लड़कियों ने अपने गांव में ही चार से पांच हजार रूपये की आमदनी सिलाई से प्राप्त कर रही हैं। इसके साथ ही सावित्री हमेशा खुद से पढ़ाई और सिलाई सीखने वालों से जुड़ी रहती हैं।