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कोरोना जांच के लिए पहुंची टीम, तालाबंद कर भागे ग्रामीण

जागरण संवाददाता लातेहार जिला मुख्यालय से 90 किमी की दूरी तय कर जिले के गारू प्रखंड अंत।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 06:51 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 05:16 AM (IST)
कोरोना जांच के लिए पहुंची टीम, तालाबंद कर भागे ग्रामीण
कोरोना जांच के लिए पहुंची टीम, तालाबंद कर भागे ग्रामीण

जागरण संवाददाता, लातेहार : जिला मुख्यालय से 90 किमी की दूरी तय कर जिले के गारू प्रखंड अंतर्गत बारेसाढ़ पंचायत के अति सुदूर नक्सल प्रभावित गांव कुजरूम में शनिवार को जब मेडिकल की टीम कोरोना जांच के लिए पहुंची तो ग्रामीण घरों में ताला बंद कर जंगल की ओर चले गए। पहाड़ों की तराई में बसे इस गांव में ग्रामीणों के जंगल से वापस आने का चार घंटे तक इंतजार करने के बाद मेडिकल टीम शाम होने के बाद वापस मुख्यालय लौट आई। मेडिकल टीम ने वापस लौटने के बाद पूरे मामले की जानकारी गारू प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. भरत भूषण को दी। पीपीई किट पहने कर्मियों को देखते ही सहम गए ग्रामीण :

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गांव में कोरोना जांच के लिए पहुंची टीम के सदस्यों को पीपीई किट पहना देखकर ग्रामीण चौंक गए। जब उन्हें पता चला कि उनकी कोरोना जांच के लिए सैंपलिग की जाएगी तो वे चुपचाप परिवार के सदस्यों को लेकर जंगलों की ओर रवाना हो गए। गांव में परहिया व उरांव जाति की आबादी :

400 लोगों की कुल आबादी वाले इस गांव में 92 घर हैं। यहां उरांव और परहिया जाति के लोग निवास करते हैँ। जिनके जीविकोपार्जन का मुख्य साधन कृषि और मजदूरी है। कोरोना जांच के लिए मेडिकल टीम के आने की सूचना पर 92 घरों में ताला बंद कर ग्रामीण जंगलों में चले गए। ग्रामीणों की ओर से उठाए गए इस कदम से एक बात साफ हो गई कि ग्रामीणों में जागरूकता की घोर कमी है। कोरोना जांच के लिए ग्रामीणों को जागरूक करना होगा तभी उनकी जांच संभव हो सकेगी। सुदूर व नक्सल प्रभावित गांव है कुजरूम :

कुजरूम अति सुदूर व नक्सल प्रभावित गांव है। जिला मुख्यालय लातेहार से 90 किमी की दूरी तय कर यहां जाने के लिए सघन वन क्षेत्र के बीच से गुजरना पड़ता है। कई स्थानों पर तेज धूप के बीच दिन के 12 बजे भी घनघोर जंगल होने के कारण अंधेरा दिखाई पड़ता है। साथ ही रास्ते में अक्सर जंगली हाथियों का झुंड भी विचरण करता हुआ नजर आ सकता है। नक्सलियों की शरणस्थली के रूप में कुख्यात रहे इस गांव में बीते कुछ वर्षों में पुलिस की दबीश बढ़ने से नक्सलियों का मूवमेंट कुछ कम हुआ है। कोट ::

गांव में गई मेडिकल टीम ने जो सूचना दी है, उसकी रिर्पोट तैयार कर वरीय अधिकारियों को भेजी गई है। इससे अधिक अभी कुछ नहीं बताया जा सकता।

- डा. भरत भूषण, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी गारू।


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