Move to Jagran APP

शौचालय विहीन है स्वास्थ्य उपकेंद्र, खुले में शौच जाने को विवश हैं मरीज

संवाद सूत्र लातेहार केंद्र व राज्य सरकार की ओर से खुले में शौच से मुक्ति के लिए कई प्रया

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 06:34 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 06:34 PM (IST)
शौचालय विहीन है स्वास्थ्य उपकेंद्र, खुले में शौच जाने को विवश हैं मरीज
शौचालय विहीन है स्वास्थ्य उपकेंद्र, खुले में शौच जाने को विवश हैं मरीज

संवाद सूत्र, लातेहार : केंद्र व राज्य सरकार की ओर से खुले में शौच से मुक्ति के लिए कई प्रयास हो रहे हैं। लेकिन ग्रामीण स्तर पर विभागीय अनदेखी के कारण सरकार का उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है। ऐसा ही एक मामला लातेहार जिले के तरवाडीह पंचायत के स्वास्थ्य उपकेंद्र में देखने को मिला। इस स्वास्थ्य उपकेंद्र में शौचालय नहीं रहने के कारण मरीज व स्वास्थ्य कर्मी सड़क के किनारे खुले में शौच जाने को विवश हैं। विडंबना की बात तो यह है कि खुले में शौचमुक्त बनाने की कवायद के बीच विभाग के द्वारा बोर्ड लगाकर तरवाडीह पंचायत को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है।

loksabha election banner

अस्पताल में शौचालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण रात में अधिक प्रसव होता है। एएनएम पूनम कुमारी, शोभा रानी व पूनम खलखो ने बताया कि एक माह में रात के समय इस केंद्र में 20 से 22 महिलाओं का प्रसव कराया जाता है। सामान्य प्रक्रिया में कोई साधन नहीं रहने के कारण रात में ऐसे मामले अधिक आते हैं। स्वास्थ्य उपकेंद्र में शौचालय नहीं रहने के कारण लोग दिन में कम आते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाले लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। हालत ये है कि गांव के कई सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं। लेकिन इस पर प्रशासन का बिल्कुल ध्यान नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने वरीय अधिकारियों को कई बार लिखित रूप से इसकी सूचना दी है। लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल सका है।

महिलाओं की भागीदारी स्वास्थ्य उपकेंद्र में भी अच्छी :

स्वास्थ्य उपकेंद्र तरवाडीह में शौचालय का नहीं होना हकीकत बयां करने के लिए काफी है। केंद्र में दर्जनों लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। इसमें महिलाओं की भागीदारी भी अच्छी खासी होती है लेकिन शौचालय के अभाव में परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शौचालय की व्यवस्था नहीं रहने से वो इसका खामियाजा भुगतने को विवश होती हैं। शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से महिलाएं अपने रिश्तेदार या फिर दूसरे के घरों की तलाश करने को विवश होती हैं। ग्रामीणो ने कहा उपेक्षित है स्वास्थ्य केंद्र :

स्थानीय ग्रामीण संतोष प्रसाद, पिटू प्रसाद, राधा देवी, मोहम्मद आरिफ, जाकिर हुसैन, दिलीप प्रसाद, रामा कुमार ने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत गांव में लगभग घर-घर शौचालय का निर्माण हो चुका है। लेकिन अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य उपकेंद्र को इससे उपेक्षित रखा है। खुले में शौच से गंदगी और दुर्गंध आती है। जिससे बीमारी फैलने का डर लगा रहता है। अस्पताल में शौचालय नहीं रहने के कारण यहां के आने-जाने वालों को शौच के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से मामले पर त्वरित संज्ञान लेने की मांग की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.