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बेटियों के हुनर से अभावों के बीच चमक रही प्रतिभा

खुद सफल होकर दूसरों को सफलता दिलाने में ही असली सफलता मिलती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 07:11 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:32 AM (IST)
बेटियों के हुनर से अभावों के बीच चमक रही प्रतिभा
बेटियों के हुनर से अभावों के बीच चमक रही प्रतिभा

उत्कर्ष पाण्डेय, लातेहार : खुद सफल होकर दूसरों को सफलता दिलाने में ही असली सफलता मिलती है, इस उक्ति को चरितार्थ किया है नेशनल फुटबॉलर रूपंती मुंडा ने। रांची और लातेहार जिले की सीमा क्षेत्र स्थित सुदूर गांव ढोंटी की बेटी रूपंती मुंडा ने कठिन परिश्रम से नेशनल फुटबॉलर बनने का गौरव प्राप्त किया। इसके बाद वो अपने गांव की लड़कियों को फुटबॉलर बनाने की दिशा में पूरी शिद्दत के साथ जुड़ गईं। नतीजा आज गांव की कई बेटियां जिला स्तरीय टीम से लेकर राज्य टीम में शामिल होकर अपने गांव को गौरवान्वित कर रही हैं।

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रूपंती के साथ इन बेटियों ने बढ़ाया मान :

रूपंती के प्रयास से गांव की सीतामुनी कुमारी, सोनी कुमारी, कंचन कुमारी व बरती कुमारी कुछ वर्ष पूर्व नेशनल फुटबॉल टीम में खेल चुकी हैं। वर्तमान में सावित्री कुमारी, सीता कुमारी, अनुपमा कुमारी, रूबी कुमारी, पुष्पा कुमारी व अनंदिता कुमारी राज्य और जिला टीम में शामिल हैं। इसके अलावा कई लड़कियां लगातार परिश्रम से जिला और राज्यस्तरीय टीम में शामिल होने की दिशा में प्रयासरत हैं। इस गांव में ग्रामीण भी बेटियों को खेल में बढ़ावा देते हैं। उनका खेल देखने के लिए मैदानों में भीड़ उमड़ती है। जो लड़कियां कामयाब हो चुकी हैं वे अब फुटबॉल में दूसरी लड़कियों को निरंतर प्रशिक्षित करती हैं। यहां के उबड़-खाबड़ मैदान पर फुटबॉल की निरंतर प्रैक्टिस चलती रहती है।

अभावों के बीच खिलाड़ियों का हौसला बुलंद :

गांव में प्रतिभावान खिलाड़ियों की भरमार है। नेशनल फुटबॉलर रूपंती से लेकर अन्य खिलाड़ियों के घर की माली हालत काफी खराब है। कुछ खिलाड़ियों की स्थिति ऐसी है कि उनके पास स्पो‌र्ट्स किट तो दूर पहनने के लिए ढंग से वस्त्र तक नहीं हैं। इससे इतर एक अच्छी खिलाड़ी के हर गुण उनके पास हैं, जिसकी बदौलत वे समय-समय पर सफलता का परचम लहराती रहती हैं। अभावों के बाद भी खिलाड़ियों का हौसला बुलंद है, खिलाड़ियों का कहना है कि जब वे सफल होंगी तो शासन और प्रशासन के लोग भी जागेंगे तब हमारी और हमारे गांव की भी सुध ली जाएगी।

कोट ::

बेटियों की जितनी सराहना की जाए कम ही होगी, इस गांव में बेटियों की सफलता यह प्रमाणित करने के लिए काफी है कि अब बेटियों की कोशिश से गांव की पहचान सार्थक रूप से बदल रही है। बेटियों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाने के लिए मुझे लोगों के साथ खुद भी जाना है।

- सुनील सिंह, सांसद चतरा लोकसभा क्षेत्र।


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