उग्रवादियों के गढ़ में बही भक्ति की बयार
नक्सलियों व उग्रवादियों के गढ़ माने जानेवाले अमझरिया में आध्यात्म की बयार बही।
दीपक भगत, चंदवा: नक्सलियों व उग्रवादियों के गढ़ माने जानेवाले अमझरिया में आध्यात्म की बयार बही। बाबा नाम केवलम की बह रहे भक्ति सागर में लोग गोते लगाते रहे। तीन दिन तक चले 48 घंटे के कीर्तन में स्थानीय लोगों के साथ विभिन्न प्रदेशों के अलावा न्यूजीलैंड समेत विदेश से पहुंचे लोगों ने भी कीर्तन में हिस्सा ले अपने जीवन को कृतार्थ किया। गौरतलब हो कि दो दशक पूर्व तक यहां गोलियों की गूंज सुनाई देती थी। नक्सली यहां गोली चलाने समेत अन्य प्रशिक्षण लिया करते थे। दिन में भी लोग यहां जाने से कतराते थे। वन विभाग द्वारा बनाया गया डाकबंगलों पर नक्सलियों व उग्रवादियों का कब्जा था। उस दौरान आनंदमार्गियों ने भी यहां आवाजाही कम कर दी थी। नक्सलियों का प्रकोप कम होने व आनंदमार्गियों के प्रयास से यहां आध्यात्म का स्वर सुनाई देने लगा है। भक्ति के बीच नारायण सेवा को आनंदमार्गियों ने अपना जीवन लक्ष्य बना लिया है। वर्ष में कई बार यहां बाबा नाम केवलम का कीर्तन किया जाता है।