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ग्रामीण बालाएं शिक्षा से बदल रही नक्सल गांव की पहचान

रूपेश कुमार लातेहार बंदूक की नोक पर अपनी हुकूमत चलाने वाले नक्सलियों का प्रवेश प्रशास

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 06:09 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 06:36 AM (IST)
ग्रामीण बालाएं शिक्षा से बदल रही नक्सल गांव की पहचान
ग्रामीण बालाएं शिक्षा से बदल रही नक्सल गांव की पहचान

रूपेश कुमार, लातेहार : बंदूक की नोक पर अपनी हुकूमत चलाने वाले नक्सलियों का प्रवेश प्रशासनिक सक्रियता के कारण सोहदाग गांव में बंद हो चुका है। नक्सल सक्रियता कम होने के बाद गांव में ग्रामीणों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने की दिशा में यूनिसेफ की मदद से वैदिक सोसाइटी लातेहार की ओर से बीते एक वर्ष से किया जा रहा प्रयास अब कामयाब होने लगा है। वेदिक सोसाइटी की कामयाबी का प्रमाण हैं रोजाना स्कूल जाने वाली लड़कियां। गांव के सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र नियमित खुलते हैं और यहां नियमित पढ़ाई भी होती है। इसके साथ ही गांव के अभिभावकों में शिक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ने का पूरा फायदा नारी शिक्षा के बढ़ावे के रूप में प्राप्त हो रहा है।

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पढ़ाई के लिए रोजाना 34 किमी साइकिलिग :

गांव में वर्ग आठ तक की पढ़ाई होती है। इसके बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लड़कियों की टीम साइकिल से 17 किमी दूर लातेहार जिला मुख्यालय आती हैं। इसके बाद स्कूल की छुट्टी होने पर साइकिल से ही 17 किमी की दूरी तय कर अपने घर लौटती हैं। गांव से रोजाना 34 किमी की दूरी तय कर पढ़ाई करने वाली छात्राओं से जब बात की गई तो उन्होंने दो टूक कहा भविष्य बनाने और अपने अभिभावकों को जागरूक करने के लिए वे कोई भी कष्ट उठाकर अपनी पढ़ाई पूरी करेंगी। ग्रामीण जागरूकता से मिली सफलता :

स्वयंसेवी संस्था वैदिक सोसाइटी ने बीते एक वर्ष पूर्व इस इलाके में शिक्षा को लेकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया। प्रारंभिक दिनों में ग्रामीणों ने रूचि नहीं ली, लेकिन कुछ दिनों बाद टीम को महिलाओं का सहयोग मिलने लगा। इसके बाद गांव में बैठकों का दौर शुरू हुआ और ग्रामीणों को शिक्षा के महत्व को लेकर वीडियो फुटेज, चित्र और सम सामयिक घटनाक्रम की जानकारी दी गई। इसके बाद टीम के साथ सरकारी शिक्षक जुड़े और आंगनबाड़ी सेविका और सहिया ने भी अच्छा सहयोग किया। साथ ही स्वास्थ्य सहिया, एनएम के अलावा स्थानीय युवाओं के साथ कारवां बनता गया। एक बड़ी टीम बनकर शैक्षणिक जागरूकता को लेकर किया गया प्रयास का प्रतिफल आज समाज के समक्ष एक नायाब उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। ग्रामीण इलाकों में शैक्षणिक जागरूकता की दिशा में हमारी कोशिश अब कामयाब हो रही है। इसका श्रेय टीम के सदस्यों के साथ ग्रामीण जनता और युवा विद्यार्थियों को भी दिया जाना चाहिए।

चंद्रशेखर सिंह, सचिव वेदिक सोसाइटी लातेहार।

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वैदिक सोसाइटी के द्वारा गांव के विद्यालय में अच्छा प्रयास किया जा रहा है। इस इलाके में लड़कियों का उत्साह‌र्द्धन करने के लिए में एक बार जरूर जाउंगा।

राजीव कुमार, उपायुक्त लातेहार।


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