लातेहार में एक साथ होती है राम-रहीम की पूजा, पढ़ें गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल
Jharkhand. लातेहार का अंबाकोठी सौहार्द की मिसाल कायम करता है। यहां पिछले 46 वर्षों से श्रीरामचरित मानस नवाह्न परायण का पाठ और जुमे की नमाज एक साथ हो रही है।
लातेहार, [उत्कर्ष पाण्डेय]। भले ही दुनिया के मानस पटल पर हिंदू व मुस्लिम संप्रदाय के लोगों के बीच मतभेद का चित्र उभरता हो। लेकिन लातेहार जिला मुख्यालय में प्रत्येक वर्ष राम व रहीम की पूजा एक साथ होती है। सबसे अहम बात है कि पूजा को लेकर दोनों संप्रदायों के बीच तनावपूर्ण स्थिति नहीं आई। बल्कि दोनों संप्रदाय के लोग विगत 46 वर्षों से सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाकर दस कदम की दूरी पर राम व रहीम को याद करते है। यह वर्तमान समाज को एक संदेश देती है।
शुक्रवार को अम्बाकोठी स्थित श्रीरामचरित मानस नवाह्न परायण महायज्ञ परिसर राम की भक्ति में रमा हुआ था। वहीं महज पांच कदम की दूरी पर अल्लाह के बंदे अपनी व अपने वतन की सलामती के लिए नमाज अदा कर रहे थे। ऐसा अनोखा नजारा प्रत्येक वर्ष लातेहार में देखने को मिलता है। शहर के मध्य स्थित अंबाकोठी मोहल्ले में शुक्रवार को राम और रहीम की पूजा एक साथ होने से जिला मुख्यालय में आपसी एकता की मिसाल और प्रगाढ़ हो गई।
हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे को सहयोग देकर एकता की अनूठी मिसाल पेश कर यह बता दिया कि जाति और धर्म के नाम पर हमें कोई बांट नहीं सकता। इसकी चर्चा पूरे दिन जिला मुख्यालय समेत आसपास के इलाकों में होती रही। दूर-दराज से पूजन और जुम्मे की नमाज अदा करने के लिए आए ग्रामीणों ने इस वाक्य को प्रेरणादायी मानते हुए आत्मसात करने की बात कही।
पूजा पंडाल और मस्जिद आमने-सामने
श्रीरामचरित मानस नवाह्न महायज्ञ का पूजा पंडाल और अंबाकोठी मस्जिद आमने-सामने है। पूजा पंडाल में जहां वैदिक मंत्रोच्चार गूंजते रहते हैं वहीं मस्जिद में पांचों वक्त की नमाज मुकर्रर वक्त पर अदा की जाती है। लेकिन किसी को कोई परेशानी नहीं होती। पूजा पंडाल आने वाले श्रद्धालु मस्जिद में नमाज अदा करने आए अपने मित्रों से मिलना नहीं भूलते। कई बार तो ऐसा भी होता है कि एक ही बाइक पर एक मित्र पूजन के लिए पंडाल आता है तो दूसरा नमाज अदा करने के लिए मस्जिद।
नामाज अदा के समय 4 लाउडस्पीकर बंद
जुम्मे की नमाज के दौरान नमाजिओं को परेशानी न हो, इसके लिए पूजा पंडाल में मस्जिद की ओर पश्चिम दिशा में लगा लाउडस्पीकर बंद कर दिया जाता है। जबकि मस्जिद में भी कम साउंड में लाउडस्पीकर से नमाज अदा की जाती है। इस नजारे को देखने वाले लोग बरबस ही अंबाकोठी मोहल्ले वासियों की सराहना कर रहे थे।
'लातेहार में 46 वर्षों से पूर्वजों के द्वारा सौहार्द के साथ नवाह्न परायण पाठ और जुमे की नमाज एक साथ अदा की जा रही है।' -विनोद महलका, कोषाध्यक्ष, श्रीरामचरितमानस नवाह्न परायण पाठ समिति, लातेहार।
'46 वर्षों से लातेहार में श्रीरामचरितमानस नवाह्न परायण पाठ समिति की ओर से आपसी सौहार्द के साथ मनाती आ रही है। जुमे के नमाज के दिन पंडाल परिसर में ही एक तरफ राम दूसरे तरफ रहीम की पूजा की जाती है।' -सुदामा प्रसाद, महामंत्री श्रीरामचरितमानस नवाह्न परायण पाठ समिति, लातेहार।