डायन प्रथा उन्मूलन पर कस्तूरबा में हुर्इ्र कार्यशाला
चंदवा महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय मे
चंदवा : महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय में डायन प्रथा पोषण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपस्थित जिला समाज कल्याण पदाधिकारी प्रीति मुर्मू ने कहा कि डायन प्रथा अंधविश्वास के सिवा कुछ नहीं है। डायन बिसाही सिर्फ मन का भ्रम है। सच्चाई इससे कोसों दूर होती है। लोगों को इससे बचने की जरूरत है। जिला समन्वयक विकास कुमार ने कहा कि कहा कि अंधविश्वास के विरूद्ध प्रत्येक व्यक्ति को आगे आना होगा। बाल विकास परियोजना पर्यवेक्षिका उषा कुमारी वर्मा व ज्योति बाला ने कहा डायन प्रथा जैसे अंधविश्वास से बचने के लिए सभी को जागरूक करते कहा कि सरकार ने डायन प्रथा की रोकथाम अधिनियम 2001 के तहत कानून बनाया है। यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को डायन के रूप में पहचान करता है तो उसकी शिकायत दर्ज कराएं। विद्यालय में अध्ययनरत किशोरी छात्राओं को रोजना आयरन व विटामिन युक्त पौष्टिक आहार ले माहवारी के दौरान होनेवाले रक्तस्त्राव में आयरन की कमी पूरी कर संपूर्ण विकास करने, सप्ताह में एक बार आईएफए की एक नीली गोली लेने, माहवारी स्वच्छता का ध्यान रखने, पेट के कीड़ों से बचने के लिए छह महीनी पर अल्बेंडाजोल की एक गोली लेने, शौचालय का प्रयोग करने समेत स्वच्दछता से संबंधित कई जानकारियां दी गईं। कार्यशाला के समापन के दौरान मानव श्रृख्ला बनाकर सामाजिक कुरीतियों से बचने, पोषण व स्वच्छता को दैनिक दिनचर्या में शामिल करने का संकल्प दिलाया गया। मौके पर वार्डेन ममता कुमारी, अरूणा लकड़ा, सुषमा, राजन, प्रियंका, छोटी समेत किशोरियां मौजूद थीं।