साढ़े चार किलो अफीम व दो कट्टा बरामद
बालूमाथ (लातेहार) : बालूमाथ पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार को रहमत नगर में छापेम
बालूमाथ (लातेहार) : बालूमाथ पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार को रहमत नगर में छापेमारी अभियान चलाकर मो. नासिर एवं मो. इमरान के घर के गोदाम से 4.5 किलो अफीम व दो देसी कट्टा व तीन ¨जदा कारतूस बरामद किया है। बालूमाथ एसडीपीओ नितिन खंडेलवाल ने गुरूवार को प्रेसवार्ता में बताया कि जब्त अफीम की कीमत लगभग चार लाख पचास हजार रूपये है। पुलिस मामला दर्ज कर अनुसंधान कर रही है। ----अफीम तस्कर को बचाने का प्रयास :
बालूमाथ रहमत नगर में मंगलवार को चार किलो पांच सौ ग्राम अफीम व दो देसी कट्टा व तीन ¨जदा कारतूस बरामद होने के बाद बालूमाथ एसडीपीओ नितिन खंडेलवाल द्वारा तीसरे दिन गुरूवार को आनन फानन में प्रेसवार्ता कर अफीम व हथियार बरामद होने की बात स्वीकार की जबकि मो. नासिर एवं उसके पुत्र मो. इमरान को पुलिस ने हिरासत में लेकर मंगलवार की रात्रि 10:30 बजे पीआर बांड भरवाकर छोड़ दिया। यहां पुलिस की यह कार्यशैली कई प्रश्नों को जन्म दे रही है। ----लोगों में कौंधते सवालों को नहीं मिल रहा जवाब :
लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि अगर मंगलवार को अफीम व हथियार बरामद हुआ था तो गुरूवार की रात्रि 7 बजे तक पुलिस क्यों छुपाकर रखा एवं तीन दिन बाद प्राथमिकी दर्ज क्यों की गई। इस संबंध में बुधवार को पत्रकारों के द्वारा पूछे जाने पर थाना प्रभारी सनोज चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि किसी भी तरह की समाग्री नासिर मियां के घर से जब्त नहीं की गई है। वहीं एसडीपीओ गुरूवार को लगभग 3 बजे पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि बालूमाथ कांड संख्या 213/18 के नामजद अभियुक्त मो. जाहिद के केस के अनुसंधान में 15 लोगों का नाम आया था। इसी अनुसंधान के क्रम में मो. नासिर व मो. इमरान को पूछताछ के लिए पुलिस लाई थी। --आनन - फानन में हुई प्रेस वार्ता :
एसडीपीओ के द्वारा यह कहा गया कि मो. नासिर के घर से कोई भी समान बरामदगी नहीं हुई है जबकि गुरूवार की संध्या सात बजे आनन फानन में प्रेस वार्ता बुलाकर चार किलो पांच सौ ग्राम अफीम, दो देशी कट्टा व तीन ¨जदा गोली बरामद होने की पुष्टि की है। अब प्रश्न यह उठता है कि एनडीपीएस एक्ट के मुताबिक गांव में अगर पोस्ते की खेती होती है और इसकी सूचना जनप्रतिनिधि या सरकारी कर्मचारी को नहीं दी जाती है तो उस पर भी एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। वहीं कानूनी जानकारों के अनुसार थाना से उन्हीं अभियुक्तों को पीआर बांड भरकर छोड़ा जाता है जो केस बेलेबल हो लेकिन मो. नासिर के घर के गोदाम से अफीम व हथियार बरामद होने के बाद उसे थाना से छोड़ देना व प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अभियुक्त को गिरफ्तार न करना कई प्रश्नों को जन्म दे रहा है।