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मॉब लिंचिंगः दो पशु व्यापारियों की हत्या में आठ दोषियों को आजीवन कारावास, जुर्माना

Latehar mob lining. झारखंड में लातेहार के खपरेलवर गांव में वर्ष 2016 में दो पशु व्यापारियों की की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 03:45 PM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 07:28 PM (IST)
मॉब लिंचिंगः दो पशु व्यापारियों की हत्या में आठ दोषियों को आजीवन कारावास, जुर्माना
मॉब लिंचिंगः दो पशु व्यापारियों की हत्या में आठ दोषियों को आजीवन कारावास, जुर्माना

लातेहार, जेएनएन। झारखंड में लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के खपरेलवर गांव में वर्ष 2016 में हुई मॉब लिंचिंग के मामले में अदालत ने आठ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। शुक्रवार को सुनाई गई सजा में इन पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना नहीं देने पर एक साल अधिक जेल में रहना होगा।

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जिन दोषियों को सजा दी गई उनमें मिथिलेश साहू, प्रमोद साहू, अवधेश साहू, मनोज साहू, अरुण साहू, सहदेव सोनी, विशाल तिवारी और मनोज कुमार साव शामिल हैं। राज्य में मॉब लिंचिंग के मामले में सजा सुनाए जाने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले रामगढ़ में सजा सुनाई गई थी।

सभी अभियुक्त गो रक्षा मंच के सदस्य
मामले में दो दिन पहले अदालत ने आठ आरोपियों को दो लोगों की हत्या का दोषी करार दिया था। सभी आरोपित बालूमाथ थाना क्षेत्र के झाबर गांव के निवासी हैं। ये सभी अभियुक्त गो रक्षा मंच के सदस्य भी हैं। इससे पहले 19 नवंबर को आठों आरोपितों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम ऋषिकेश कुमार की अदालत ने  दोषी करार दिया था।

जानें, क्या है मामला
वर्ष 2016 में बालूमाथ थाना क्षेत्र के खपरेलवर गांव में पशु व्यापारी इम्तेयाज खां और मजरुम अंसारी मवेशी लेकर जा रहे थे। तभी कुछ लोगों ने दोनों की पीट-पीटकर हत्या कर दी, फिर शवों के गले में रस्सी बांध कर पेड़ से लटका दिया था। इस मामले में पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद आठ आरोपियों मिथिलेश साहू, प्रमोद साहू, अवधेश साहू, मनोज साहू, अरुण साहू, सहदेव सोनी, विशाल तिवारी और मनोज कुमार साव को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तीन महीने बाद आठों अभियुक्त हाईकोर्ट से जमानत पर जेल से बाहर आ गए थे।

अदालत का फैसला आने पर छाई मायूसी
कोर्ट के फैसले के बाद लोगों में मायूसी छा गई। न्यायालय परिसर में बड़ी संख्या में ग्रामीण फैसले की जानकारी लेने के लिए गांवों से आए हुए थे।

दोषियों के परिजनों ने कहा, उच्च न्यायालय जाएंगे  
सजा सुनाए जाते ही दोषियों के परिजनों की आंखें भर आईं। मीडिया से रूबरू होते हुए विशाल तिवारी के पिता गजबंधन तिवारी ने कहा कि मेरे बेटे को साजिश के तहत फंसा गया है। घटना की रात हमारा पुत्र घर पर सभी लोगों के साथ था। पुलिस घर से उठाकर थाना ले गई। न्यायालय के फैसले से हम सन्तुष्ट नहीं है। हम लोग उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। मिथिलेश साव के पिता रंथू साव ने कहा कि न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन न्यायालय ने एक तरफा फैसला सुनाया है। हम लोग विवश होकर अब उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे। प्रमोद कुमार के भाई अर्जुन साव ने कहा कि इस न्यायालय ने हमारे साथ पूरा न्याय नहीं किया है। यह सभी लोग जानते हैं कि आठ आरोपित निर्दोष हैं, हम लोग अब उच्च न्यायालय में जाकर न्याय की गुहार लगाएंगे। वहीं, ग्रामीण युवक सुरेश राम व सत्येंद्र प्रसाद ने कहा कि निर्दोष लोगों को किसी कीमत पर हम लोग फंसने नहीं देंगे। इस मामले को लेकर हम लोग उच्च न्यायालय तक जाएंगे।

सुनवाई के दौरान बंद रहा प्रवेश द्वार
न्यायालय परिसर में सुनवाई के दौरान प्रवेश द्वार पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। प्रवेश द्वार पर स्वयं एसडीपीओ अनुज उरांव तैनात रहे। वहीं, किसी भी अप्रिय वारदात से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी व जवानों को तैनात किया गया था। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायालय परिसर का प्रवेश द्वार खोल दिया गया।

सुनवाई से पहले उमड़ी भीड़
अदालत में सुनवाई को लेकर लातेहार के अलावा बालूमाथ, बारियातू व हेरहंज से बड़ी संख्या में ग्रामीण आए हुए थे। सुबह से ही जिला मुख्यालय में समाहरणालय व कोर्ट परिसर के समीप भीड़ बढ़ गई। एहतियात के तौर पर सुबह से ही पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था। बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग कोर्ट परिसर में प्रवेश किए। पेशी के लिए जेल से आरोपितों को लाया गया। इसके बाद अदालत में शांतिपूर्ण ढंग से सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण की गई।

पुलिस ने ग्रामीणों को निकाला कोर्ट से बाहर 
कोर्ट परिसर में सुनवाई से पहले अचानक भीड़ बढ़ने से पुलिस पदाधिकारी परेशान हो गए। नतीजतन, पुलिस पदाधिकारियों ने लोगों को कोर्ट परिसर से बाहर निकालना शुरू कर दिया। इस पर कुछ लोग फैसले की जानकारी लेने की बात कहकर कोर्ट परिसर में खड़े रहे तो कुछ लोग पुलिस की सख्ती के बीच कोर्ट परिसर से बाहर निकल गए।

पुलिस निरीक्षक व अधिवक्ता में तल्खी 

अदालत में सुनवाई से पूर्व कोर्ट परिसर के प्रवेश द्वार के समीप अधिवक्ता लाल अरविंद नाथ शाहदेव व पुलिस निरीक्षक के पाण्डेय के बीच तल्खी देखने को मिली। पुलिस निरीक्षक अनावश्यक भीड़ नहीं बढ़ाने की बात कहते हुए लोगों से कोर्ट परिसर से बाहर निकलने को कह रहे थे। इसी बीच, अधिवक्ता अरविंद पहुंचे। उन्होंने कहा कि कानून में सभी को अदालत के फैसला जानने का हक है और ग्रामीणों को कोर्ट परिसर से बेवजह बाहर नहीं निकाला जा सकता। मामले पर थोड़ी देर तक बहस करने के बाद पुलिस निरीक्षक व अधिवक्ता चले गए।

हर जगह एक ही चर्चा 
अदालत में सुनवाई के दौरान आठ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने की चर्चा जिले भर में होती रही। हर कोई अदालत के फैसले को लेकर अपडेट जानने में लगा रहा। बस स्टैंड से लेकर पान की दुकानों तक में मामले को लेकर चर्चा होती रही। कुछ लोग मामले पर आए अदालत के फैसले पर अफसोस जता रहे थे तो कुछ लोग झारखंड में ऐसी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भविष्य में ऐसी घटना से दूरी बनाए रखने की बात कह रहे थे।

परीक्षा केंद्रों पर भी चर्चा का बाजार गर्म 
लातेहार जिले में डीएलएड की परीक्षा चल रही थी। परीक्षा को लेकर बनाए गए केंद्रों तक में मामले को लेकर खासी चर्चा होती रही। अपरान्ह दो बजे से शुरू होने वाली परीक्षा से पूर्व तक मोबाइल पर एक-दूसरे से फैसले को लेकर जानकारी लिए जाने का प्रयास परीक्षार्थियों की ओर से किया जा रहा था। वहीं, आन ड्यूटी मजिस्ट्रेट व शिक्षक भी अदालत के फैसले पर पूरे दिन चर्चा में मशगूल नजर आए।

मृतकों के परिजनों ने जताई फैसले पर खुशी
दोषियों के सजा होने की जानकारी पर मृतकों के परिजनों ने खुशी व्यक्त की। नवादा गांव निवासी दिवंगत पशु व्यापारी मजलूस अंसारी की पत्नी सायरा बीवी और आराहरा गांव के निवासी इम्तियाज खान के पिता आजाद खान ने कहा कि न्यायालय के फैसले का हमलोग पूरा सम्मान करते हैं। हमारे परिजनों की हत्या में जो भी लोग शामिल हों उन्हें हर कीमत पर आजीवन कारावास की सजा मिले इसकी गुजारिश न्यायालय और सरकार से कर रहे हैं।

जयश्री राम से गूंजा कोर्ट
अदालत में सुनवाई के लिए जेल से आरोपितों को पेशी के लिए लाए जाने पर लोग जय श्रीराम का उद्घोष करने लगे। जेल से आई गाड़ी से उतर कर जब तक आरोपित कोर्ट की सीढ़ियों में चढ़े तब तक पूरा परिसर जयश्रीराम के उद्घोष से गूंजता रहा। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने लोगों से शोर नहीं मचाने और नारेबाजी न करने की अपील की। लेकिन इसका कोई असर ग्रामीणों पर नहीं हुआ।


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