घिसटते ब्रेक के बाद भी चली ट्रेन, हादसा टला
चंदवा : सुरक्षा मानकों पर ट्रेन का परिचालन आवश्यक माना जाता है लेकिन यदि ट्रेन चालक व गाड
चंदवा : सुरक्षा मानकों पर ट्रेन का परिचालन आवश्यक माना जाता है लेकिन यदि ट्रेन चालक व गार्ड ही इसपर ध्यान नहीं दें तो इस क्या कहा जाएगा। रविवार की शाम बरकाकाना-बरवाडीह रेलखंड के महुआमिलान-¨नद्रा स्टेशन के बीच एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां एक मालगाड़ी की बोगी बिना ब्रेक रॉड के घिसटती चलती रही। यह इत्तफाक रहा कि हादसा नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार रविवार की शाम डाउन शक्तिपुंज एक्सप्रेस ट्रेन के गुजरने के बाद महुआमिलान स्टेशन से ट्रेन नंबर 31907 डाउन पटरी पर गंतव्य को खुली। ट्रेन के खुलने के साथ ही स्टेशन पर खड़े कुछ लोगों ने पटरी पर घिसटते ब्रेक रॉड को देखा तो गार्ड को आवाज देकर ट्रेन रोकने की बात कही। गार्ड द्वारा अनसुनी करने पर लोगों ने स्टेशन मास्टर को भी सूचना दी। सूचना पर संज्ञान लेते उन्होंने तत्काल ट्रेन चालक व गार्ड से संपर्क साध वस्तुस्थिति की जानकारी दे सुरक्षा हेतु ट्रेन को रोकने की सलाह दी, जहां चालक ने उनसे बात करना भी मुनासिब नहीं समझा वहीं गार्ड ने कहा कि अगले स्टेशन पर जब ट्रेन रुकेगी तो देख लेंगे। वो अगले स्टेशन को सूचना दे दें। ----
गार्ड चाहता तो रुक सकती थी ट्रेन स्थानीय लोगों द्वारा सूचना के बाद कारवाई करते महुआमिलान स्टेशन मास्टर एके टोप्पो ने गार्ड व चालक को सूचना दी। गार्ड चाहता तो ट्रेन चालक को सूचना देकर या पास के वैक्यूम से संबंध विच्छेद कर खुद भी ट्रेन को रोक सकता था लेकिन उसने ऐसा करना उचित नहीं समझा अपितु लापरवाही दिखाते कहा कि अगले स्टेशन पर जब ट्रेन रुकेगी तो देख लेंगे। लापरवाही दर्शाता है। ----
कहते हैं एसएम महुआमिलान स्टेशन मास्टर अनुप कुमार टोप्पो ने इस बावत बताया कि टेऊेन परिचालन पर सुरक्षा अहम होता है। ब्रेक रॉड के हैंग कर जाने के बाद परिचालन बेहद खतरनाक होता है। वक्त रहते यदि इस पर काबू नहीं पाया जाता तो खतरे से इंकार नहीं किया जा सकता। ब्रेक रॉड के टूट कर पटरी पर घिसटने की सूचना पर संज्ञान लेते तत्काल ट्रेन के चालक व गार्ड के साथ संपर्क साध खतरे से आगाह किया था मगर उन लोगों ने सतर्कता नहीं दिखाई जो रेल परिचालन के लिए खतरे का संकेत था। शुक्र है कि हादसा टल गया।