Move to Jagran APP

दो साल में 9704 मजदूरों ने किया काम, लेकिन सभी ठेपाछाप

उत्कर्ष पाण्डेय लातेहार आकांक्षी जिले में शामिल लातेहार को शिक्षा के क्षेत्र में उम्दा काय

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 06:37 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 06:37 PM (IST)
दो साल में 9704 मजदूरों ने किया काम, लेकिन सभी ठेपाछाप
दो साल में 9704 मजदूरों ने किया काम, लेकिन सभी ठेपाछाप

उत्कर्ष पाण्डेय, लातेहार : आकांक्षी जिले में शामिल लातेहार को शिक्षा के क्षेत्र में उम्दा कार्य के लिए देश भर में तीसरा स्थान मिला है। इसके बावजूद दो साल तक सामाजिक वानिकी वन प्रक्षेत्र लातेहार में विविध स्थानों पर काम करने वाले मजदूरों को विभाग ठेपाधारी बता रहा है। इसका खुलासा सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है। आरटीआइ कार्यकर्ता रविकांत पासवान ने बताया कि उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत बीते दो वर्षो में सामाजिक वानिकी वन प्रक्षेत्र लातेहार में विविध स्थानों पर काम करने वाले मजदूरों की संख्या, मस्टर रोल की अभिप्रमाणित कॉपी की मांग की थी। इसके जवाब में विभाग की ओर से पत्र जारी कर बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक सामाजिक वानिकी वन प्रक्षेत्र लातेहार में विविध स्थानों पर किए गए कार्यो में कुल 9704 मजदूरों ने काम किया।

loksabha election banner

सभी मजदूरों ने लगाया है ठेपा विभाग की ओर से रविकांत को मस्टर रोल की प्रति उपलब्ध कराई गई है। इससे 9704 मजदूरों के काम करने की बात का पता चला। सबसे आश्चर्यजनक बात ये है कि काम करने वाले सभी 9704 मजदूर ठेपाछाप हैं, उन्हें हस्ताक्षर तक करना नहीं आता। मस्टर रोल में सभी मजदूरों के नाम के साथ अंगूठे (ठेपा) का निशान लगा हुआ है। इसमें सवाल यह उठता है कि क्या मजदूरों के गांवों में साक्षरता की दिशा में इतना भी कार्य नहीं हुआ कि लोग अपना नाम लिखना और पढ़ना जान सकें। जबकि जिला ने शिक्षा के क्षेत्र में उम्दा कार्य के लिए देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। परत दर परत उजागर हो रहा मामला सामाजिक वानिकी वन प्रमंडल लातेहार में बीते दो वर्षों के दौरान हुए भ्रष्टाचार का मामला निरंतर उजागर हो रहा है। सूचना अधिकार के तहत किए गए आवेदन के जवाब में विभाग की ओर से मुहैया कराए गए जवाब से चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। दो दिन पूर्व ही बिना लॉग बुक एक साल तक वाहनों के चलने और मजदूरों के नाम फर्जी तरीके से मस्टर रोल में जोड़कर राशि निकाले जाने का मामला उजागर हो चुका है।

-----------

विभाग में फैले भ्रष्टाचार की जानकारी सूचना अधिकार के तहत मिले जवाब से हो रही है। सभी मामले को एकत्रित कर इस मामले की जांच और दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए आलाधिकारियों को लिखा जाएगा।

- रविकांत पासवान, केंद्रीय अध्यक्ष भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.