महिलाओं को स्वावलंबन की राह दिखा रही उर्मिला
देश बदल रहा है महिलाओं की दशा में सुधार आ रही है। समय के साथ साथ नारी शक्ति और भी सशक्त होती जा रही है। हर युग में प्रतिभाशाली महिलाएं रही हैं और हर युग में उन्होंने अपनी प्रतिभा से समाज में उदाहरण प्रस्तुत किया है।
जयनगर (कोडरमा) : समय के साथ साथ नारी शक्ति और भी सशक्त होती जा रही हैं। हर युग में प्रतिभाशाली महिलाएं रही हैं और हर युग में उन्होंने अपनी प्रतिभा से समाज में उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसी ही एक महिला है उर्मिला तिर्की। उर्मिला की बचपन से ही समाज सेवा में काफी दिलचस्पी रही है और आज जयनगर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को स्वावलंबन की राह दिखाने के साथ अपने अस्तित्व की पहचान दिला रही हैं। उर्मिला तिर्की मूल रूप से रांची के नगड़ी (पिस्का) की रहने वाली हैं और वह बचपन से ही समाज सेवा के प्रति काफी दिलचस्पी लेती हैं। गरीब परिवार में पली उर्मिला तिर्की गांव में गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देती थी। इसके पश्चात वह गांव में प्रेरक के रूप में काम की। इसके पूर्व गांव में बुजुर्गों को प्रौढ़ शिक्षा के माध्यम से भी शिक्षित करने का काम किया। सत्संग महाविद्यालय योगदा, जगन्नाथपुर से बीए की शिक्षा प्राप्त उर्मिला तिर्की 2009 में समाज सेवा पूरे तन मन से करने लगी। इसके पश्चात वह झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी से जुड़कर कोडरमा के जयनगर प्रखंड में महिलाओं को स्वावलंबन की राह दिखाने लगी। उर्मिला तिर्की अब तक 200 समूह में सैकड़ों महिलाओं को जोड़कर उन्हें जागरूक कर रही हैं और स्वावलंबन का रास्ता दिखा रहे है। अब तक उन्होंने दर्जनों महिलाओं को सिलाई कढ़ाई बुनाई के साथ-साथ छोटे-छोटे घरेलू उद्योगों से जोड़ा है और उन्हें स्वावलंबन की रास्ता दिखाते हुए आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने का संकल्प लिया है। अविवाहित उर्मिला तिर्की बताती है कि समाज सेवा की भावना उन्होंने अपनी मां से सीखी। जब वह छठे वर्ग की छात्रा थी तब से ही उसमें समाज सेवा की भावना जगी और आज तक वह समाज सेवा के प्रति समर्पित हैं।