Move to Jagran APP

जीवन से बुराइयों का त्याग ही उत्तम त्याग

आज जैन धर्म का महापर्व दशलक्षण का आठवां दिन उत्तम त्याग धर्म के रूप में पूरे भारतवर्ष में मनाया जा रहा है। इस दिन जैन धर्म के सभी अनुयाई कुछ ना कुछ त्याग अवश्य करते हैं और दान करते हैं। श्री दिगंबर जैन मंदिर के सरस्वती भवन के सभागार में बाल ब्रह्मचारी सरिता दीदी ने भक्तजनों को अमृत में प्रवचन देते हुए कहा कि अपने जीवन से बुराइयों का त्याग ही उत्तम त्याग धर्म है हमें अपने जीवन से बुराइयों को खराब कार्यों को और पापों को त्याग करना चाहिए तभी त्याग धर्म की सार्थकता है

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 07:51 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 07:51 PM (IST)
जीवन से बुराइयों का त्याग ही उत्तम त्याग
जीवन से बुराइयों का त्याग ही उत्तम त्याग

झुमरीतिलैया (कोडरमा): जैनियों के महापर्व दशलक्षण का आठवां दिन उत्तम त्याग धर्म के रूप में शुक्रवार को मनाया गया। इस अवसर पर श्री दिगंबर जैन मंदिर के सरस्वती भवन के सभागार में बाल ब्रह्मचारी सरिता दीदी ने भक्तजनों को अमृत प्रवचन देते हुए कहा कि अपने जीवन से बुराइयों का त्याग ही उत्तम त्याग धर्म है। हमें अपने जीवन से बुराइयों को बुरे कार्यों को और पापों को त्याग करना चाहिए। तभी त्याग धर्म की सार्थकता है। उन्होंने कहा आप सभी अपने बच्चों को संस्कारी बनाएं। बच्चा यदि संस्कारी रहेगा और वह जन्म से अच्छे कार्यों की ओर प्रेरित होगा तो धन की आवश्यकता नहीं है। परंतु यदि उसमें संस्कार के बीज बचपन से ही नहीं डाले गए तो कुबेर की संपत्ति भी क्षण भर में खत्म हो सकती है। कहा भी गया है पुत्र कपूत हो तो धन जमा करना बेकार है और पुत्र यदि सपूत हो तो धन जमा करने की आवश्यकता ही नहीं है। मोह राग द्वेष का त्याग करना ही सच्चा  त्याग धर्म है। किसी भी जरूरतमंद को शिक्षा से स्वास्थ्य से भोजन से उसकी पूर्ति कराना भी त्याग धर्म है। मनुष्य को अपनी चंचल लक्ष्मी का इसी स्थान पर त्याग करना चाहिए, तभी त्याग धर्म की सार्थकता हो सकती है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.