हाथों में पूजा की थाली, आई रात सुहागों वाली..
पने जीवन साथी की लंबी उम्र के लिए व्रत व पूजा का त्योहार गुरुवार को करवाचौथ राजस्थानी एवं पंजाबी समाज की विवाहित महिलाओं के लिए काफी खास होता है। इस त्योहार पर जितना महत्व विधि-विधानों से होता है उतना ही उत्साह सजने-संवरने से भी होता है।
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): अपने जीवन साथी की लंबी उम्र के लिए व्रत व पूजा का त्योहार गुरुवार को करवाचौथ राजस्थानी एवं पंजाबी समाज की विवाहित महिलाओं के लिए काफी खास होता है। इस त्योहार पर जितना महत्व विधि-विधानों से होता है, उतना ही उत्साह सजने-संवरने से भी होता है। जिले के झुमरीतिलैया, कोडरमा, डोमचांच समेत कई इलाकों में देर शाम एवं चांद देखने के बाद विवाहित महिलाओं ने जल ग्रहण किया। इसके बाद पति की पूजा-अर्चना की। दीपक मेरा सुहाग का जलता रहे.., हाथों में पूजा की थाली, आयी रात सुहागों वाली.. जैसे गीत महिलाएं गुनगुनाते नजर आयी। सुहाग की लंबी उम्र के लिए महिलाएं दिनभर उपवास पर रही। सोलह श्रृंगार कर महिलाएं करवा चौथ की पूजा की और चांद व अपने पति की आरती उतारकर जल ग्रहण की। झुमरीतिलैया के गुरुद्वारा रोड स्थित दर्शन सिंह मखिजा एवं सरबजीत छाबड़ा के आवास पर कई महिलाएं एकत्रित हुई और पूजा-अर्चना की। यहां सरोज छाबड़ा, रीता सलूजा, शालू सलूजा, कविता गावड़ी, अंजना सलूजा, रश्मी छाबड़ा, अभी सलूजा, रुचि छाबड़ा, ममता छाबड़ा, सुनीता देवी, पूनम अजमानी, रिकी मकिजा, अनू चावला, हिना सलूजा, नेहा अरोड़ा समेत अन्य महिलाएं उपस्थित थीं। कथावाचक ने करवाचौथ पर बताया कि करवा चौथ व्रत को लेकर काफी रोमांचित रहती हैं। पर्व के माध्यम से अपने पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना की जाती है। हर विवाहित महिलाओं का सपना है कि करवाचौथ करने का होता है और काफी दिनों पूर्व से तैयारी में जुट जाती हैं। दूसरी ओर झुमरीतिलैया के दीवान गार्डेन में भी सुहागिन महिलाओं ने संध्या में एकत्रित हो एक साथ पूजा-अर्चना कर फल, मिठाई व अन्य सामान ब्राह्मण को दान किया। उसके बाद चांद के निकलने का इंतजार करती रही। चांद के निकलने के बाद सुहागिन महिलाएं चलनी से चांद व फिर पति का दीदार किया। उसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा।