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वर्चस्व की जंग में लाल हो सकता है बालू का रंग

जिले के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र सतगावां में इन दिनों बालू उठाव को लेकर दो गुटों में वर्चस्व की जंग छिडने की संभावना है कभी भी खूनी संघर्ष का खेल से बालू का रंग लाल हो सकता है

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 07:21 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 07:21 PM (IST)
वर्चस्व की जंग में लाल हो सकता है बालू का रंग
वर्चस्व की जंग में लाल हो सकता है बालू का रंग

सतगावां (कोडरमा): कोडरमा जिले के सुदूरवर्ती बिहार की सीमा से सटा प्रखंड सतगावां में बालू के उठाव को लेकर वर्चस्व के जंग में रक्तपात की पृष्टभूमि तैयार हो रही है। यहां कभी भी खूनी संघर्ष में बालू का रंग लाल हो सकता है। यहां स्थित सकरी नदी के समलडीह घाट की निविदा संजीत हेंब्रम के नाम से की गई थी। संजीत हेंब्रम ने बालू घाट को एकरारनामा के जरिए पेटी कांट्रैक्ट के ¨सडिकेट शिवशंकर प्रसाद व माजिद खान को दिया था। यहां बरसात के पूर्व जमकर बालू उठाव किया गया और बिहार, उत्तरप्रदेश एवं अन्य राज्य बालू भारी वाहनों से भेजा गया। बरसात के बाद पुन: बालू घाट का पेटी कांट्रैक्ट किसी और को दे दिया गया है। इधर, बालू उठाव शुरू होते ही दूसरे गुट के शिवशंकर प्रसाद ने सतगावां थाना में आवेदन देकर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा लीज पर ली गई जमीन पर अर¨वद ¨सह और उसके पुत्र के द्वारा 500 गाड़ी बालू रख दिया गया है। उन्होंने कहा है कि नाजायज तरीके से बालू डंप कर उन्हें फंसाने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने डंप किए गए बालू के चालान आदि की जांच की मांग की है। इधर, नदी से मशीन के जरिए बालू के अत्यधिक दोहन पर स्थानीय लोगों में काफी रोष है। लोगों का कहना है कि इससे नदी पर्यावरण को क्षति हो रही है। ::::::::::: क्या कहते हैं लोग:::::::::::::::

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बालू उठाव होने से इस क्षेत्र में पेयजल की समस्या हो गई है। कई कुंआ, हैंडपंप दम तोड़ चुके हैं। बालू माफियाओं के द्वारा अवैध रूप से बालू उठाकर बिहार, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों को भेजा रहा है।

सुरेंद्र ¨सह, पूर्व प्रखंड अध्यक्ष जेवीएम।

----------------- अवैध रूप से बालू उठाव होने से सकरी नदी बना पुल क्षतिग्रस्त हो सकता है और पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। भूमिगत जलस्तर नीचे जा रहा है। कुओं में पानी का स्तर तेजी से गिर रहा है।

पुरुषोत्तम ¨सह, सांसद प्रतिनिधि। गरीब जनता की यह सम्पत्ति को भी सरकार बिचौलियों के हाथों में बेच दी है। सकरी नदी में बालू का उठाव होने से यहां पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। यहां से बालू दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है अत्यधिक बालू का उठाव होने से पुल भी क्षतिग्रस्त हो रहा है। वहीं बालू घाटों को लेकर दो गुटों में तनाव बना है। कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।

भुवनेश्वर राम, सदस्य जिला परिषद, सतगावां। बालू का उठाव नदी से मशीन के जरिए होने से पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। सकरी नदी पर खतरा मंडरा रहा। बालू उठाव को लेकर कभी भी जनता व बालू के माफिया के बीच खूनी संघर्ष का घटना होने के आशंका है।

अशोक कुमार शशि, पूर्व मुखिया प्रतिनिधि। नदी से बालू उठाव करने से पुल पर खतरा मंडरा रहा है। नदी से बालू ड¨म्पग की जा रही है जिसका इनपुट चालान खनन विभाग में नहीं जमा किया गया है। सरकार को राजस्व विभाग को लाखों का चूना लग रहा है। यहां इनपुट और आउटपुट  चालान के बगैर नाजायज ढंग से बालू का उठाव किया जा रहा है।

शंकर यादव, मुखिया प्रतिनिधि, समलडीह। बालू उठाव होने से पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। गिने चुने चार से पांच लोगों के चलते सतगावां के पूरी जनता इस समस्या की दंश झेल रहे हैं। जिला प्रशासन अविलंब बालू की बंदोबस्ती रद्द करें।

अविनाश कुमार, मुखिया प्रतिनिधि शिवपुर।


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