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Lok Sabha Election 2019: कोडरमा में काम से ज्यादा पार्टियों का नाम पर है भरोसा

Lok Sabha Election 2019. कोडरमा संसदीय क्षेत्र से निवर्तमान सांसद रवींद्र राय को बेटिकट करने के बाद राय के बदले तेवर से भाजपा की चुनौती और बढ़ गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 27 Apr 2019 07:45 PM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2019 07:45 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: कोडरमा में काम से ज्यादा पार्टियों का नाम पर है भरोसा
Lok Sabha Election 2019: कोडरमा में काम से ज्यादा पार्टियों का नाम पर है भरोसा

कोडरमा, [अनूप कुमार]। भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी कोडरमा में जीत की फुलप्रूफ व्यवस्था के लिए पार्टी आलाकमान कोई कसर बाकी छोडऩे के मूड में नहीं है। कोडरमा संसदीय क्षेत्र से निवर्तमान सांसद रवींद्र राय को बेटिकट करने के बाद राय के बदले तेवर से भाजपा की चुनौती और बढ़ गई है।

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इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कार्यक्रम कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में रखा गया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गिरिडीह में पार्टी के विधायकों व नेताओं के साथ बैठक की और सभी को टास्क सौंपकर गए। वहीं आगामी 29 अप्रैल को गिरिडीह जिला अंतर्गत जमुआ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा को लेकर गिरिडीह जिला प्रशासन पूरी तैयारी में जुट गया है।

इधर, तीन मई को झुमरी तिलैया के ब्लॉक मैदान में अमित शाह की सभा है। छह विधानसभा वाले कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के पांच विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के ही विधायक हैं। पिछले पांच वर्षों तक सांसद भी भाजपा के ही रहे। फिर भी सारा दारोमदार पीएम मोदी पर ही है। यहां जनप्रतिनिधियों को खुद के काम से ज्यादा भरोसा मोदी के नाम पर है। जनसंपर्क अभियान के दौरान पार्टी के एक विधायक की हुटिंग से भी यही लगता है।

काम की चर्चा भी हो रही है तो गरीबों को सीधे तौर पर लाभान्वित करनेवाली केंद्रीय योजनाओं को ही सामने लाया जा रहा है। पार्टी प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी खुद भी चार बार कोडरमा से विधायक रह चुकी हैं। लेकिन प्रत्याशी से लेकर नेता, विधायक सभी मोदी नाम केवलम के भरोसे हैं। यहां मुख्य मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से है। मरांडी यहां से तीन बार चुनाव जीतकर सांसद रह चुके हैं।

इस बार वे चार दलों के महागठबंधन के प्रत्याशी हैं। इसलिए पार्टी भी उन्हें हल्के में नहीं लेना चाहती। जमुआ में पीएम की सभा के पीछे भी माना जा रहा है कि इसके आसपास के चार विधानसभा क्षेत्र में मरांडी की गहरी पैठ होना। इसलिए पीएम मोदी के करिश्मायी व्यक्तित्व से पार्टी यहां के वोटरों को साधने में मूड में है। वहीं पिछले चुनाव परिणाम के आधार पर कोडरमा व बरक_ा को पार्टी अपना मजबूत गढ़ मानकर चल रही है।

यहां भी भरोसा ब्रांड मोदी पर है। वैसे मोदी का प्रभाव तो आगामी 23 मई को ही दिखेगा, लेकिन फिलहाल इसे भांपना राजनीति के पंडितों के लिए मुश्किल हो रहा है। दूसरी ओर झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी इलाके में कुछ बड़े पॉकेट और भाजपा विरोधी मतों के भरोसे निश्चिंत हैं। वहीं भाकपा माले को भरोसा अपने कैडर वोटों पर है।


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