Move to Jagran APP

हत्याकांड का आरोपित महीनों जेल में रह निकल गया, पुलिस रही बेखबर

पूर्व विधायक राजकुमार यादव से रंगदारी मांगने के मामले में गिरफ्तार हुआ था सतगावां नरसंहार का एक अभियुक्त 16 वर्षों के बाद भी चार अभियुक्तों को खोज नहीं पायी पुलिस

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 07:33 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 07:33 PM (IST)
हत्याकांड का आरोपित महीनों जेल में रह निकल गया, पुलिस रही बेखबर
हत्याकांड का आरोपित महीनों जेल में रह निकल गया, पुलिस रही बेखबर

जागरण संवाददाता, कोडरमा: जिले के सतगांवा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम डुमरी में कपिलदेव प्रसाद यादव समेत चार लोगों की हत्या के मामले में न्यायालय ने बुधवार को दो अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई है, लेकिन मामले के चार अन्य अभियुक्तों को पुलिस 16 वर्षो बाद भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है। मामले में कुल आठ लोगों के खिलाफ सीआइडी के अनुसंधान में मामला सत्य पाया गया था। जिसमें एक सुनील यादव को पूर्व में ही आजीवन कारावास की सजा हुई थी। एक अभियुक्त दरोगी प्रसाद यादव की हत्या 2005 में हो गई थी और दो अभियुक्त संजय यादव व रामवृक्ष यादव को बुधवार को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई। वहीं चार अभियुक्त विपिन यादव, रंजीत यादव, नवलेश यादव व राजेश यादव अभी तक फरार हैं। चारों के खिलाफ न्यायालय से निर्गत स्थायी वारंट सतगांवा थाना में वर्षो से पड़ा है। दिलचस्प बात है कि इनमें से एक अभियुक्त विपिन यादव एक अन्य मामले में पुलिस की ही गिरफ्त में आने व महीनों जेल में रहने के बाद जेल से बाहर भी निकल गया, लेकिन कोडरमा पुलिस इससे पूरी तरह से बेखबर रही। विपिन कुमार यादव, पिता दरोगी प्रसाद यादव सतगांवा थाना क्षेत्र से ही सटे गिरिडीह जिला के गांवा थाना कांड संख्या 32/ 2016 में गिरफ्तार हुआ था। यह मामला धनवार के तत्कालीन भाकपा माले विधायक राजकुमार यादव से मोबाइल पर पीएलएफआइ के नाम पर रंगदारी मांगे जाने का था। जिसमें गांवा पुलिस ने सीम कार्ड की छानबीन के आधार पर विपिन कुमार यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गिरफ्तारी के बाद वह गिरिडीह जेल में महीनों तक रहा। लेकिन इसके बावजूद सतगांवा व जिला की पुलिस ने सतगांवा थाना के उक्त कांड के लिए उसे रिमांड पर नहीं लिया। जबकि इस संबंध में कांड के सूचक व मृतक कपिलदेव प्रसाद यादव के पुत्र सुरेश कुमार यादव ने सतगांवा थाना की पुलिस को इस संबंध में सूचित किया था। बकौल सुरेश यादव, इस संबंध में उन्होंने उच्चाधिकारियों से कहकर मामले में रिमांड भी करावाया था, लेकिन मामला कहां दब गया, यह जांच का विषय है। क्या रंधीर बनकर नौकरी कर रहा रंजीत! वहीं सतगांवा नरसंहार कांड का एक और फरार अभियुक्त रंजीत कुमार यादव, पिता दरोगी प्रसाद यादव के नाम को लेकर मामला फंसा है। दरोगी प्रसाद यादव का एक पुत्र रंधीर कुमार यादव अपने पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर कोडरमा जिला के डोमचांच प्रखंड में चतुर्थवर्गीय कर्मी के रूप में कार्यरत है। इनके संबंध में कांड के सूचक सुरेश यादव ने कई बार पुलिस के अधिकारियों को आवेदन देकर कहा था कि रंजीत ही रंधीर कुमार यादव बनकर नौकरी कर रहा है। लेकिन सतगांवा पुलिस ने उसके नाम का सत्यापन कर उसे रंधीर बताकर छोड़ दिया। सूचक सुरेश यादव का कहना है कि रंजीत ही रंधीर है। उसने न्यायालय में गवाही के दौरान रंजीत को रंजीत उर्फ रंधीर बताया है। लेकिन इनके दरोगी प्रसाद के परिजनों व कुछ लोगों के मौखिक बयान के आधार पर पुलिस रंजीत को मृत बता रही है। जबकि उसके नाम का कोई मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। सूचक सुरेश यादव का दावा है कि रंजीत व रंधीर दोनों के एक होने के कई दस्तावेज उसके पास मौजूद हैं। वर्ष 2016 में भी तिलैया थाना में उनकी शिकायत के बाद चतुर्थवर्गीय कर्मी रंधीर को पुलिस थाना लायी थी, लेकिन बाद में किसी दबाव में रंधीर बताकर छोड़ दिया।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.