5 करोड़ की योजना, अधिकतर है अधूरी
अतिआवश्यक कार्यों के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली अनाबद्ध निधि सुस्त गति से चल रहा है। वित्तीय वर्ष का अंतिम माह गुजर रहा है लेकिन अधिकतर योजनाएं अधर में लटका है। विभागों द्वारा खर्च के दावे तो किये जा रहे हैं लेकिन उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दी जा रही है।
कोडरमा: अतिआवश्यक कार्यों के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली अनाबद्ध निधि सुस्त गति से चल रहा है। वित्तीय वर्ष का अंतिम माह गुजर रहा है, लेकिन अधिकतर योजनाएं अधर में लटका है। विभागों द्वारा खर्च के दावे तो किये जा रहे हैं, लेकिन उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दी जा रही है। शुक्रवार को डीसी भुवनेश प्रताप सिंह ने समीक्षा के दौरान ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस माह के अंत तक योजनाएं पूर्ण करते हुए उपयोगिता प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया है। वर्तमान में अनाबद्ध निधि से 5-5 लाख रूपया सभी छह मॉडल विद्यालय एवं 5-5 लाख की राशि कस्तूरबा विद्यालय को भी दी गई है। कस्तूरबा विद्यालय द्वारा वैन क्रय करने की बात बैठक में बताई गई। जबकि मॉडल विद्यालय भी प्राप्त राशि से सामान क्रय करने की बात कहा है। ऐसे में मार्च तक राशि खर्च नहीं होने की स्थिति में राशि प्रत्यर्पण की भी नौबत आ सकती है। इधर, अनाबद्ध निधि का सर्वाधिक राशि ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल को करीब तीन करोड़ रूपया दी गई है, लेकिन एक भी योजना पूरा नहीं हो सका है। वहीं विभाग द्वारा खर्च की गई राशि का हिसाब भी नहीं दिया गया। ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल कोडरमा द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस मद का 26 लाख अवशेष बचा है, जिसे डीसी ने राशि लौटाने का निर्देश दिया। वहीं चालू वित्तीय वर्ष ग्रामीण विकास विभाग में 23 योजनाएं ली गई है, जिसका कार्य प्रगति पर है। वहीं इस मद से कोडरमा नगर पंचायत को पूर्ण रूप से वाई-फाई बहाल करने में भी 33 लाख रूपये नगर पंचायत के माध्यम से बीएसएनएल को दी गई है। लेकिन इस राशि का भी उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। लिहाजा योजना के जांच का जिम्मा डीआइओ को दिया गया है।